मूट कोर्ट विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक कानूनी कौशल विकसित करने का अवसरः कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा
बीएमयू में राष्ट्र स्तरीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता बीएमयू 11 व 12 नवंबर को।
रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय बाबा मस्तनाथ विवि का विधि विभाग 11 व 12 नवंबर, 2024 को राष्ट्र स्तरीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता आयोजित करेगा। ये जानकारी देते हुए कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा ने बताया कि यह प्रतियोगिता कानून के विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक कानूनी कौशल विकसित करने का एक अवसर है।
मूट कोर्ट एक कृत्रिम अदालती सुनवाई होती है, जो विद्यार्थियों को अपने सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक जीवन की कानूनी परिस्थितियों में लागू करने का मौका देती है। उन्होंने मूट कोर्ट की विशेषता बताते हुए कहा कि यह केवल बहस करने जैसा नहीं है, बल्कि प्रेरक वकालत की कला का एक विशेष रूप है। इससे विद्यार्थी कानूनी तर्क-वितर्क, अनुसंधान और न्यायालय में प्रस्तुतिकरण जैसी क्षमताओं में निपुण होते हैं।
डीन, विधि संकाय डॉ मनीष दलाल ने कहा कि मूट कोर्ट कानूनी शिक्षा का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों को कानूनी मुद्दों पर शोध, लिखित व मौखिक तर्क प्रस्तुत करने का मौका मिलता है। डिप्टी डीन, डॉ. रितु ने कहा कि पूरे देश के विभिन्न विधि संस्थानों से टीमों ने इस प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण कराया है। इस प्रतियोगिता के संयोजक डॉ. नेहा हैं, जबकि डॉ. विनती और आकाश दीप सह-संयोजक हैं। आयोजन समिति में डॉ. सीमा देवी, डॉ. राजरानी, डॉ. प्रमिला, डॉ. हरविंदर, डॉ. राहुल व डॉ. सोनिया शामिल हैं।