संस्कृत विभाग तथा दयानन्द चेयर फॉर वैदिक स्टडीज् द्वारा मातृभाषा पर्व मनाया गया
चंडीगढ़: संस्कृत विभाग तथा दयानन्द चेयर फॉर वैदिक स्टडीज्, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आज 23 फरवरी, 2021 को प्रातः 11.30 से 1.00 बजे तक मातृभाषा पर्व मनाया गया। विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने संस्कृति और सभ्यता की सुरक्षा में मातृभाषा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय भाषाओं के स्वरूप की चर्चा की। विभाग के शोधच्छात्रों व एम.ए. के छात्रों ने भी इस चर्चा में भाग लिया। शुभेन्द्र कान्त ने गढवाली भाषा में कविता प्रस्तुत की तथा गढवाल से कुमाऊं-नन्दादेवी तक की यात्रा में गाए जाने वाले जागर को गाकर सुनाया। विभाग की ही छात्रा वेदप्रिया ऋचा वत्स ने संस्कृत में भारत की वन्दना तथा एक हरियाणवी गीत का मधुर गायन किया। गुरजीत प्रजापति ने कर्नाटक के संस्कृतभाषी गाँव मत्तूर के अनुभव सांझा किए और हरियाणवी कविता सुनाई एवं संस्कृत में टप्पे का नमूना भी प्रस्तुत किया। धीरज व्यास ने हरियाणवी कविता छोटा सा गाँव व रामानन्द मिश्र ने हिन्दी की कविता सुनाई। विभाग की शोधच्छात्रा कु. नीलम ने हिमाचली कविता सुना कर जानकारी दी कि हिमाचल अपनी बोलियों से कितना समृद्ध प्रदेश है। यहाँ 12 जिलों में प्रत्येक जिले की अपनी अपनी बोली है। मनदीप ने पंजाबी गीत सुनाकर मनोरंजन किया। इस प्रकार, संस्कृत, पंजाबी, गढवाली, हरियाणवी, हिन्दी व हिमाचली इन कुल छह भाषाओं व बोलियों पर विस्तार से चर्चा हुई और छात्रों ने कविताएँ व गीत तथा लोकपरम्पराओं को एकदूसरे से सांझा किया।
अन्त में विभागाध्यक्ष प्रो. अलंकार ने सबका धन्यवाद किया और संस्कृत में संगीतबद्ध अपनी एक रचना का भी गायन किया।।