गुजविप्रौवि हिसार व लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह के बीच शैक्षणिक व शोध गतिविधियां को बढ़ावा देने के लिए लेह में हुआ एमओयू

गुजविप्रौवि हिसार व लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह के बीच शैक्षणिक व शोध गतिविधियां को बढ़ावा देने के लिए लेह में हुआ एमओयू

हिसार, गिरीश सैनी। गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार तथा लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है। इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों द्वारा विभिन्न गतिविधियों में शिक्षण एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना है। शिक्षण व शोध के क्षेत्र में यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा।

लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह में हुए इस एमओयू पर गुजविप्रौवि, हिसार के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई तथा लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह के कुलपति प्रो. एस.के. मेहता ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार व लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रशासनिक सचिव रविन्द्र कुमार, आईएएस मौजूद रहे।

जीजेयू के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि यह एमओयू दोनों संस्थानों के साथ-साथ समाज व राष्ट्र के लिए भी अति उपयोगी होगा। लद्दाख विश्वविद्यालय, लेह मुख्य और व्यावहारिक शैक्षणिक पाठ्यक्रमो का संचालन कर रहा हैं। विश्वविद्यालय द्वारा हिमालयी, ट्रांस-हिमालयी और दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम एवं अनुसंधान कोर्स भी चलाए जा रहे हैं जो आमतौर पर देश के अन्य विश्वविद्यालयों में नहीं चलाए जा रहे हैं।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि इस एमओयू के बाद विश्वविद्यालय अपने संबंधित पाठ्यक्रमों के सुचारू और प्रभावी विकास के लिए संयुक्त शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करके शैक्षणिक रूप से एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन करेंगे। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापरक अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं शुरू करेंगे तथा पीएचडी के अनुसंधान कार्यक्रमों के संयुक्त पर्यवेक्षण की अनुमति देंगे। दोनों विश्वविद्यालयों द्वारा संयुक्त रूप से सम्मेलन/कार्यशाला/सेमिनार आयोजित किए जाएंगे तथा दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की भागीदारी बढे़गी। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा खेल गतिविधियों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा। मौजूदा पाठ्यक्रमों के संशोधन में उद्योगों की मांग अनुसार विशेषज्ञ का आदान-प्रदान किया जाएगा।

प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि अब दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी पुस्तकालय व प्रयोगशालाओं की सुविधाओं का उपयोग कर अपने शोध कार्य को और अधिक बेहतर बना सकेंगे। संयुक्त रूप से मैसिव ओपन ऑनलाइन लर्निंग कोर्स का भी आयोजन किया जाएगा।