श्रेष्ठ युवा से लेखन की ओर बढ़ते कदम: अर्पण जमवाल
-कमलेश भारतीय
धर्मशाला (हिमाचल) की अर्पण जमवाल श्रेष्ठ युवा का पुरस्कार पाने के बाद अब लेखन की ओर अग्रसर हैं । आजकल फ्रीलांसर है । मूल रूप से धर्मशाला के निकट ज्वाली गांव की निवासी हैं और हरिपुर स्थित चंद्रधर शर्मा गुलेरी गवर्नमेंट काॅलेज से ग्रेजुएशन की । बाद में धर्मशाला के पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज से एम ए हिंदी की ।
-पहली जाॅब ?
-नेहरू युवा केंद्र में सन् 1998 में सोशल वर्कर के रूप में जहां दो वर्ष रही ।
-आगे कहां?
-हिमाचल सरकार के युवा सेवाएं एवम खेल विभाग में खंड युवा समन्वयक । यहां भी दो साल काम किया । साक्षरता मिशन में भी योगदान दिया । इसके बाद के डी ए वी सीनियर सेकेंडरी स्कूल देहरा में भी दो साल तक अध्यापिका रहीं । फिर सन् 2002 में शादी हो गयी ।
-पति और परिवार ?
-पति हैं शिवेंद्र सिंह जमवाल जो फिज़िकल एजुकेशन के लेक्चरर हैं । दो बेटियां और एक बेटा है ।
-काॅलेज में रहते समय कौन सी गतिविधियों में भाग लेती रहीं ?
-मंच संचालन और हिमाचली समूह नृत्य में ।
-कौन कौन लेखक पसंद हैं ?
-अनामिका, मृदुला गर्ग , अमृता प्रीतम अंजू शर्मा, गीताश्री और मन्नू भंडारी, मुंशी प्रेमचन्द व आपकी लघुकथाएं भी ।
-कोई संग्रह ?
-अभी नहीं लेकिन जल्द ही काव्य संग्रह आयेगा।
-लक्ष्य ?
-लेखन में अपनी राह तलाशने की कोशिश ।
हमारी शुभकामनाएं अर्पण जमवाल को ।