समाचार विश्लेषण/मेरा देश बन और बदल रहा है...
-*कमलेश भारतीय
बस इक दिल चाहिए मुझको
मेड इन इंडिया...
कभी यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ था । क्या मेरा देश सिर्फ दिल से चलता है या चलेगा ? दिल से ऊपर भी बहुत कुछ जरूरी है दुनिया में । मोहब्बत सब कुछ नहीं आदमी के लिए । प्यार से भी जरूरी बहुत काम हैं । प्यार सब कुछ नहीं आदमी के लिये । सन् 2014 से मेरा देश बदल रहा है और अभी तक अच्छे दिन आने वाले हैं , यह भी गूंजता रहता है मश में । हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ साफ शब्दों में कह रहे हैं कि सरकार बनाना मुश्किल नहीं है , देश बनाना बहुत मुश्किल है । भाजपा ने राष्ट्र निर्माण का रास्ता चुना है । यह तीर विपक्षी दलों पर चलाया गया है । इसीलिए तो कंगना रानौत कहती हैं कि देश को असली आजादी सन् 2014 में मिली और जो सन् 1947 में मिली थी वह तो अंग्रेजों ने महात्मा गांधी को भीख मे दी थी । तो भाई लोगो असली आजादी के मजे ले रहे हो कि नहीं ? मोदी जी कह रहे हैं कि एक सरकार के गठन के लिए ज्यादा प्रयास नहीं करने पड़ते लेकिन देश के गठन के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है । हम वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों के लिए लगातार काम कर रहे हैं ।
हम कितने खुशनसीब हैं और इनके सुर में सुर मिलाकर पूछ सकते हैं कि पचहत्तर साल में क्या किया आपने यानी कांग्रेस ने ? सारा इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है । पाठ्यक्रमों से महात्मा गांधी व नेहरु बेदखल किये जा रहे हैं । कहां तो आइंस्टाइन कह रहे थे कि आने वाली पीढ़ियां मुश्किल से यह विश्वास करेंगी कि कोई ऐसा हाड़-मांस का व्यक्ति पैदा हुआ होगा और कहां इसी देश में उनको किताबों से निकाला जा रहा है । कहां तो पचहत्तर साल पहले भाखड़ा डैम जैसे निर्माण कार्य हो रहे थे और कहां कुछ न कुछ बिकने के समाचार आ रहे हैं । निजीकरण की भेंट चढ़ने को तैयार हैं संस्थाएं । सरकार मुनाफा कमाने के लिए नहीं बनाई जाती , जनकल्याण के लिए बनाई जाती हैं । निजी लाभ के लिए बिल्कुल भी नहीं । सीबीआई और ईडी का जैसा उपयोग हो रहा है , वैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला । देश और सरकारें इनके भरोसे ही चल रही हैं , ऐसा शक पैदा हो रहा है । क्या सत्ता पक्ष के नेता सभी सीबीआई या ईडी के शक के दायरे में नहीं आते या कभी आयेगे ही नहीं ? नीतिश कुमार ने सही कहा कि लोग इनके दुरुपयोग पर अपना गुस्सा जरूर निकालेंगे । बहुत से चर्चित केसों के फैसले भी हैरान कर देने वाले आये हैं जैसे बिलकिस बानो । प्रबुद्ध लोग हैरान हैं कि ऐसा फैसला कैसे ? क्या कुछ भी घटित नहीं हुआ था ? इसी प्रकार अभी तक लखीमपुर खीरी का मामला भी धीमी गति से चल रहा है । फिर भी देश बन रहा है और बदल रहा है । महाराष्ट्र में जैस सरकार गिरी वैसे भी कभी नहीं गिरी होगी । और मै भी गाना चाहता हूं और गाता रहता हूं :
मेरा देश बदल रहा है
मेरा देश बदल रहा है ,,,
आप भी समय मिले तो गाया कीजिए , इससे बड़ी ऊर्जा मिलती है , प्रेरणा मिलती है और तिरंगा फहराने के बाद जो जोश आता है , उसका तो कोई जवाब ही नहीं ...
फिर मित्रो ...देश को बदलते हुए चुपचाप देखते ही न रहो , इसको बदलने में अपने प्रधानमंत्री का साथ दीजिए ...
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।