नट जैसा संतुलन और गठबंधन सरकार
-*कमलेश भारतीय
आखिर यह बात तो सच हो गयी कि 'आयेगा तो वो ही' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनने जा रहे हैं लेकिन इस बार विपक्ष भी उतना ही मजबूत है, जिसका तंज मारा जा रहा था। बहुत साल बाद इतना मजबूत विपक्ष सामने होगा और पहले की तरह संसद में सांसदों को बड़ी संख्या में निलंबित करने से पहले सोचना होगा और विपक्ष की अवाज अनसुनी नहीं रह पायेगी। जहां तक भाजपा की बात है तो इसे अकेले अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं दिया जनता ने बल्कि इसे दो मजबूत क्षेत्रीय दलों तेलुगु देशम पार्टी व जनता दल यू का सहारा लेना पड़ा है, तब कहीं जाकर बहुमत की नैया पार लगी है। ऐसे में गठबंधन सरकार कही जा सकती है न कि भाजपा सरकार। अब भाजपा नेतृत्व को नट की तरह हर कदम रखना होगा यानी ये रास्ते हैं गठबंधन के, चलना संभल संभल के। ज़रा सा कदम इधर उधर हुआ नहीं कि सरकार खतरे में आई नहीं। तीसरी बार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गठबंधन सरकार चलाने का यह पहला अनुभव होगा। अब सवाल यह कि क्या पहले की तरह मोदी व शाह की जोड़ी सारे फैसले ले सकेगी? गठबंधन का धर्म निभाते कहीं कुछ अरमान मन में ही न रखने पड़ें। वैसे देश का गठबंधन सरकारों का अनुभव बहुत अच्छा नहीं, खासकर कांग्रेस के साथ किये गये गठबंधन वाली सरकारों का। कांग्रेस ने मात्र चार माह में ही चंद्रशेखर की गठबंधन सरकार गिराने में कोई संकोच नहीं किया था और देश पर एक और लोकसभा चुनाव का बोझ लाद दिया था। देवगौड़ा और गुजराल सरकारें भी ज्यादा टिकाऊ साबित नहीं हुई थीं। देश में अस्थिरता का माहौल बनने लगा था। चौ चरण सिंह जैसी सरकार भी आई जो विश्वासमत का सामना करने से पहले ही इस्तीफा देकर लुढ़क गयी। जनता दल की आपसी फूट ने फिर से विपक्ष में बिठा दिया था। अब कांग्रेस यह कहती है कि हम उचित समय पर उचित फैसला करेंगे यानी वेट एंड सी, देखो और इंतज़ार करो की नीति कि कब नीतीश कुमार और चन्द्र बाबू रूठें और कब उन्हें लपक लिया जाये। यह क्रिकेट के खेल जैसी राजनीति होने जा रही है। धैर्य के साथ इंतज़ार करो और जैसे ही अवसर बने चोट लगाओ। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कि यह जनादेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक हार है । 'इंडिया' गठबंधन मोदी की नीतियों के खिलाफ जंग जारी रखेगा। हम भाजपा सरकार द्वारा शासित न होने की लोगों की इच्छा को साकार करने के लिए उचित समय पर उचित कदम उठायेंगे। इस तरह इंडिया गठबंधन उचित समय की राह ताकता रहेगा और भाजपा नीतीश कुमार और चंद्र बाबू के हाथों में खेलने को मज़बूरी रहेगी, कुछ ऐसा राजनीतिक परिदृश्य बनता दिखाई देता है। अब एक बार तो नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाने जा रहे हैं, शुभकामनाएं।
नाव जर्जर ही सही
लहरों से टकराती तो है
देश में कोई नयी हवा चली तो है !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।