राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता राकेश अंदानिया ने छात्रों को टीवी कार्यक्रम प्रोडक्शन तथा फिल्म निर्माण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी
रोहतक, गिरीश सैनी। प्रभावी फिल्म निर्माण तथा वृत्त चित्र निर्माण के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश की समझ के साथ-साथ जनमानस तथा दर्शकों के मनोविज्ञान को भी समझने की जरूरत है। साथ ही फिल्म मेकिंग के तकनीकी व्याकरण की भी पकड़ होनी चाहिए। प्रतिष्ठित फिल्म निदेशक, संचार कर्ता राकेश अंदानिया ने शनिवार को यह मंत्र महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में आयोजित कार्यशाला में विद्यार्थियों के साथ साझा किया।
एमडीयू पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रतिष्ठित एलुमनस, राष्ट्रीय विज्ञान संचार फिल्म पुरस्कार विजेता राकेश अंदानिया ने कार्यशाला में टीवी कार्यक्रम प्रोडक्शन तथा फिल्म निर्माण के तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कैमरा वर्क, विभिन्न प्रकार के कैमरा शॉट्स, संपादन के मूल तत्व, फोटोग्राफी विधा समेत प्रस्तुतीकरण के विविध पहलुओं को ऑडियो विजुअल प्रेजेंटेशन के जरिए साझा किया। राकेश अंदानिया ने नैरेशन के प्रभावी विजुअलाइजेशन पर विशेष जोर दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग के प्राध्यापक डॉ नवीन कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्य बारे बताया। उन्होंने कहा कि ये कार्यशाला विद्यार्थियों को टीवी कार्यक्रम निर्माण तथा फिल्म मेकिंग की तकनीकी ज्ञान अपडेटिंग करेगा।
विभागाध्यक्ष प्रो हरीश कुमार ने कहा कि इस दो दिवसीय तकनीकी कार्यशाला से विद्यार्थियों में टेक्निकल प्रोडक्शन वर्क की समझ विकसित हुई है। प्रो हरीश ने कहा कि भविष्य में विभागीय विद्यार्थियों से लघु फिल्मों निर्मित करवाई जाएंगी।
प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में भविष्य में कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शोधार्थी-विद्यार्थी कार्यशाला में शामिल हुए।