राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक नए युग की शुरुआतः प्रो. के.सी. शर्मा
एनईपी के क्रियान्वयन को लेकर गुजवि में कार्यशाला आयोजित।
हिसार, गिरीश सैनी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। छात्र-केंद्रित यह नई शिक्षा व्यवस्था शिक्षण संस्थानों की पसंद की शिक्षा व्यवस्था की बजाए विद्यार्थियों की पसंद की शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने का आह्वान करती है। इस शिक्षा व्यवस्था के सम्पूर्ण सकारात्मक परिणाम वर्ष 2040 तक मिलने आरंभ होंगे। यह कहना है हरियाणा राज्य उच्चत्तर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. के.सी. शर्मा का।
प्रो. के.सी. शर्मा बतौर मुख्यातिथि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों, विभिन्न संकायों के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, संबंधित अध्यापकों, संयोजकों व अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कार्यशाला की अध्यक्षता गुजवि कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। कार्यशाला में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोम नाथ सचदेवा मुख्य वक्ता तथा कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. देवेन्द्र कुमार व डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार उपस्थित रहे।
मुख्यातिथि प्रो. के.सी. शर्मा ने कहा कि आजाद भारत के बाद कभी भी शिक्षा नीतियों की अनुशंसाओं को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया, लेकिन इस बार स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर हर पायदान का संबंधित व्यक्ति तथा व्यवस्थ नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए गंभीर है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन होता है तो चुनौतियां भी आती हैं। चुनौतियों का समाधान भी निकलेगा।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने की ओर युवाओं को प्रेरित करेगी। यह शिक्षा नीति युवाओं को रोजगार पाने वाले ही नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनाने के लिए तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि गुजवि इस शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए कृत संकल्प है। सभी यूजी तथा नए पीजी कार्यक्रमों में इसे लागू कर दिया गया है। अगले शैक्षणिक सत्र से सभी कोर्सिज में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।
मुख्य वक्ता प्रो. सोम नाथ सचदेवा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुति देते हुए नई शिक्षा नीति से जुड़े सभी पहलुओं को छुआ तथा बताया कि नई शिक्षा व्यवस्था में बहुविषयक कोर्सिज, योग्यता बढ़ोतरी, कौशल विकास तथा नैतिक मूल्यों सबंधित कोर्स तथा इंटर्नशिप आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस शिक्षा व्यवस्था के तहत दाखिला लेने के लिए चार स्कीम हैं।
विषय विशेषज्ञ प्रो. अनिल वशिष्ठ ने बताया कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों में भी इस शिक्षा व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। उन्होंने इसके क्रियान्वयन की सभी जानकारियां प्रतिभागियों से साझा की।
गुजवि कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति को महाविद्यालयों में भी पूर्ण रूप से लागू करने की दिशा में पहला कदम है। आगे भी इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहेगा तथा संबंधित पक्षों की हर शंका का समाधान किया जाएगा।
कार्यशाला में आए विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, अधिष्ठाता व विभागाध्यक्ष तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संयोजक व अधिकारियों ने इस कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी व सार्थक बताया। विशेषज्ञों ने बताया कि जिस विषय का शिक्षक संबंधित शिक्षण संस्थान में उस समय उपलब्ध नहीं होगा तो मूक तथा ऑनलाइन माध्यम से उस विषय को पढ़ाया जाएगा। कार्यशाला संचालन गीतू धवन ने किया।