शहीदी दिवस पर जीएनडीयू में राष्ट्रीय वेब-संवाद का आयोजन
अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के ड्रामा क्लब द्वारा रोटरी क्लब, अमृतसर सेंट्रल के सौजन्य से शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में 'युवाओं का सकारात्मक विकास' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेब-संवाद का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के ड्रामा क्लब के प्रभारी, ईओसी-पीडबल्यूडी के नोडल अधिकारी और हिन्दी-विभाग के फैकल्टी रोटेरियन डॉ.सुनील कुमार ने अमर शहीदों के बलिदान को नमन करते हुए तथा कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवा राष्ट्र एवं समाज का प्राण होते हैं। राष्ट्र के निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान युवाओं का ही होता है।युवा राष्ट्र का भूत और भविष्य को जोड़ने का सेतु होने के साथ ही ये समाज के नैतिक मूल्यों का भी प्रतीक होते हैं।देश की युवा शक्ति ही राष्ट्र को जीवन-मूल्य एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रसार एवं आधार प्रदान करती है।इस विश्व में भारत ही वो देश है जिसके युवकों में आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्य, स्वाभिमान, राष्ट्र प्रेम, मानव सेवा एवं देशभक्ति आदिकाल से ही चले आ रहे हैं।डॉ.सुनील कुमार ने साहित्य, संस्कृति और इतिहास के आलोक में राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति डॉ.जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और प्रेरणा से युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
अपने उद्घाटन भाषण में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के एफडीसी-एचआरडीसी केंद्र (अधीन उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार) के निदेशक डॉ.आदर्शपाल विग ने कहा कि हमारे देश को युवाओं के देश के रूप में संबोधित किया जाता है।आंकड़ों के मुताबिक भारत में 35 वर्ष तक की उम्र तक के 65 करोड़ लोग हैं।भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्त युवाओं ने अपनी शहादत से देश को आजादी दिलाने में ठोस भूमिका अदा की।'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना युवाओं के योगदान के बिना अधूरी ही रहेगी।हमारे अमर शहीदों के सपनों के भारत का निर्माण करने के लिए युवाओं को दृढ़ संकल्पित होकर आगे आना होगा।उन्होंने कहा कि युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए जिससे न केवल समाज बेहतर बने बल्कि उनका व्यक्तिगत विकास भी हो सके।उन्होंने इस प्रकार के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों के लगातार आयोजन के लिए डॉ.सुनील कुमार के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि और रोटरी क्लब, अमृतसर सेंट्रल के प्रधान रोटेरियन श्री एपीएस बतरा ने अपने वक्तव्य में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके अद्भुत योगदान को याद किया।उन्होंने रोटरी क्लब की गतिविधियों और भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं को अपने जीवन में आध्यात्मिकता का भाव अवश्य रखना चाहिए।वे सारे कार्य करने में अपनी उर्जा का उपयोग करें जिससे समाज में बदलाव आ सके।
मनोरोग चिकित्सक डॉ.नरेश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।नशा धीमा जहर है और इससे बचना चाहिए।समय बहुमूल्य है तथा इसे बर्बाद न करें। अनावश्यक तनाव न पालें।योगा करें व अधिकाधिक प्रसन्नचित्त रहें।युवा पीढ़ी किसी भी देश का भविष्य होती है।अपने लक्ष्यों को पहचानें और पूरी प्रतिबद्धता के साथ उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ें।कोविड जैसी वैश्विक महामारी के दौर में तो युवाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है।
पुलिस अधिकारी श्री कुलदीप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल युवा पीढ़ी नशे में जकड़ी हुई है।युवाओं को नशे से तौबा कर खेलों की तरफ बढ़ना चाहिए।इससे सेहत और कैरियर दोनों बेहतर होंगे।हमें ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो समग्र व्यक्तित्व विकास के साथ रोजगार कौशल और चारित्रिक दृष्टि से विश्वस्तरीय हो।
आबकारी एवं कराधान अधिकारी श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सही राह चुननी चाहिए।सही राह पर चलने वाला व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी पंक्ति पर पहुंचता है।उन्होंने कहा कि वर्तमान विश्व और भारत के युवाओं के लिए एक ही आदर्श है, वह हैं स्वामी विवेकानंद।युवा भारत की तरक्की के लिए विवेकानंद के संदेश बहुत महत्वपूर्ण हैं।युवाओं पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है।
शिक्षाविद और समाजसेवी रोटेरियन श्री रविन्द्र सिंह पठानिया ने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।विफलताओं से घबराना नहीं चाहिए और पूर्ण मनोयोग के साथ अपना कर्तव्य पालन करना चाहिए।आज हमारी पीढ़ी पर यह जिम्मेदारी है कि हम अपने लिए जैसा जीवन चाहते हैं, हम वैसा जीवन गढ़ें, जैसा राष्ट्र चाहते हैं, वैसे राष्ट्र का निर्माण करें; आने वाली पीढ़ियों के लिए जैसा भविष्य चाहते हैं, वैसा भविष्य बनाएं।भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण आदि की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा।
पुलिस अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार ने अपने वक्तव्य में 'ब्रेन ड्रेन' की समस्या के प्रति खासी चिंता जताई और इस बात पर जोर दिया कि युवाओं के सकारात्मक विकास के लिए अभिभावकों और अध्यापकों को अपनी जिम्मेदारी का अधिक गंभीरता से पालन करने की जरूरत है।युवाओं में उत्तरदायित्व का बोध जगाकर सहज ही उनके आध्यात्मिक जागरण एवं चरित्र गठन की ठोस पृष्ठभूमि तैयार की जा सकती है।यह बोध जहां युवाओं को अवांछनीय विचारों और कर्मों से बचाता है, वहीं उनको श्रेष्ठ चिंतन व आचरण के लिए प्रेरित करता है।
सर्कल हैड (डी.) व आर्टिस्ट श्री दिनेश कुमार ने कहा कि आज हम सांस्कृतिक संक्रमण के ऐतिहासिक दौर से गुजर रहे हैं। भौतिकतावाद अपनी चरम पराकाष्ठा पर है।संयम, सेवा, तप, त्याग और सादगी जैसे नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों के अस्तित्व पर गंभीर प्रश्न चिह्न लगा हुआ है।युवा वर्ग में इनके प्रति कोई गंभीर आस्था का अभाव ही दिखता है।उन्होंने युवाओं से राष्ट्रीय एकता व अखंडता का आह्वान किया।
शिक्षाविद और समाजसेवी श्री सुरेन्द्र परमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि डिजिटल युग की युवा पीढ़ी में तनाव, असुरक्षा और दुविधाएं बढ़ रही हैं।ऐसे में श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन उनके लिए आध्यात्मिक औषधि सिद्ध होगी।युवा देश के लिए सर्वस्व लुटाने वाले, मर-मिट जाने वाले शहीदों के प्रति सम्मान की भावना बनाए रखें एवं स्वयं भी देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने के लिए तत्पर रहें।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफ़ेसर (शिक्षा) डॉ.दिनेश चहल ने कहा कि आज लोगों के मन में देशभक्तों,शहीदों के प्रति सम्मान की भावना कम होती जा रही है।लोग स्वार्थी एवं मौकापरस्त होते जा रहे हैं। देशभक्ति की भावना प्राय: लुप्त होती जा रही है।वर्तमान पीढ़ी बहुत लापरवाह होती जा रही है।इसके लिए पूरे समाज को काउंसलिंग की जरूरत है।युवाओं को अधिक संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ.सुनील कुमार ने मेहमानों, विश्वविद्यालय-प्रशासन, अमृतसर सेंट्रल के रोटरी क्लब, विश्वविद्यालय के ड्रामा क्लब, तकनीकी सहयोगी श्री यतिन, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग, मीडिया और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गतिविधियां क्लब के कन्वीनर और पंजाबी विभाग के शोधकर्ता श्री हरप्रीत सिंह ने बड़ी ही खूबसूरती से मंच-संचालन किया।उन्होंने अपने खास अंदाज और शेरों-शायरी से श्रोताओं का मन मोह लिया।इस राष्ट्रीय वेब-संवाद में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। /( 23 मार्च, 2021)