जीएनडीयू में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

जीएनडीयू में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के ड्रॉमा क्लब और दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर भागीदारी प्रकोष्ठ(ईओसी-पीडबल्यूडी) द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर आनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।ड्रॉमा क्लब के प्रभारी, दिव्यांगजनों के लिए विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी और हिन्दी-विभाग के सह-प्रोफ़ेसर डॉ.सुनील कुमार ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि पहला राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस सन् 1991 में देश भर भर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया तब से प्रतिवर्ष बड़े स्तर पर इसका आयोजन किया जाता है।बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न डॉ.बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी याद में भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस  मनाया जाता है।वहीं दुनिया भर में अलग-अलग तारीखों में डॉक्टर दिवस मनाया जाता है।जीवन को ठीक करने और बचाने के लिए डॉक्टरों का समर्पण और करूणा ही दुनिया को एक बेहतर जगह बनाती है। डॉक्टर्स सचमुच हमारे समाज के सुपर हीरोज हैं।कोविड जैसी वैश्विक महामारी के दौर में तो डॉक्टरों की भूमिका और भी अधिक बढ़ गयी है।कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच 24×7 अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की जान बचाने का काम कर रहे हैं।अपनी जान की परवाह किए बिना डॉक्टरों ने जिस भावना और समर्पण से काम किया,आज उन्हें सलाम करने का समय है।इस साल के डॉक्टर दिवस का थीम है-'बिल्डिंग ए फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड'।उन्होंने महामारी काल में चिकित्सा जगत की कई महान आत्माओं के निधन पर श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और  प्रेरणा से इन कार्यक्रमों का बखूबी आयोजन निरंतर किया जा रहा है।

अपने उद्घाटन वक्तव्य में विश्वविद्यालय के फैकल्टी विकास केन्द्र-मानव संसाधन विकास केन्द्र के निदेशक प्रोफ़ेसर (डॉ.)आदर्शपाल विग ने मानवता के प्रति सच्ची सेवा के लिए डॉक्टरों का धन्यवाद देते हुए कहा ईश्वर सबके जीवन की रक्षा खुद से नहीं कर पाते इसलिए इस धरती पर अपने रूप में डॉक्टर को भेज दिया।एक तरह से हर रोज ही डॉक्टर दिवस है।उन्होंने महामारी से निपटने में स्वास्थ्य कर्मियों की तारीफ की‌ और कहा कि  इस आयोजन के माध्यम से हम पूरे चिकित्सा जगत का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं, जो इस कठिन समय में अथक सेवा कर रहे हैं।उन्होंने आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण के लिए भी लोगों को प्रेरित करें।डॉ.विग ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन के लिए डॉमा क्लब और ईओसी-पीडबल्यूडी तथा डॉ.सुनील कुमार के प्रयासों और माननीय कुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) जसपाल सिंह संधू की प्रतिबद्धता व मार्गदर्शन की विशेष प्रशंसा की तथा निरंतर ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया‌। 

इस अवसर पर मुख्य वक्ता फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल, अमृतसर के  ह्रदय रोग विभाग के निदेशक और प्रसिद्ध ह्रदय रोग विशेषज्ञ  डॉ.अरुण कुमार चोपड़ा और फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल, अमृतसर के क्रिटिकल केयर विभाग के वरिष्ठ सलाहकार व मेडिसन विशेषज्ञ डॉ.वरुण पुष्कर्ण के व्याख्यान बहुत ही रोचक, सारगर्भित,रचनात्मक ज्ञानवर्द्धक,दिशा नियामक और संदेशपरक रहे।दोनों ही डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि सामान्यतः बीमारी का कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव है।उन्होंने कहा कि बीमारी के इलाज से बेहतर उसका बचाव करना है।इसके लिए ब्लड शुगर,उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की जांच अनिवार्य रूप से करानी चाहिए। डॉक्टर्स ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये विभिन्न सवालों के बखूबी जवाब दिये। अनियमित दिनचर्या, व्यायाम न करना,जंक फूड का सेवन, धूम्रपान व एल्कोहल का प्रयोग,उचित समय पर स्वास्थ्य जांच न कराना, संतुलित भोजन न करना,बिना चिकित्सीय परामर्श के खुद से ही इलाज शुरू करना, रूढ़ियां और अंधविश्वास,तनाव व चिंता आदि बीमारियां बढ़ने के प्रमुख कारण हैं।

उन्होंने कोरोना के टीके को लेकर आम जनमानस में फैली अफवाहों और भ्रांतियों के प्रति चिंता जताते हुई इनसे बचने की सलाह दी तथा लोगों को जल्द टीकाकरण कराने का संदेश दिया।कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचने के लिए जागरूक होना जरूरी है।उन्होंने साफ-सफाई का ध्यान,भीड़भाड़ से बचाव और सरकारी हिदायतों, दिशा-निर्देशों का पालन करने के साथ स्वस्थ व संयमित दिनचर्या की आवश्यकता बताई।कार्यक्रम के दौरान प्रश्नोत्तर और रैपिड फायर राउंड का आयोजन भी किया गया जिसमें प्रियंका गोयल और गौरी चोपड़ा ने पैनलिस्ट डॉक्टर्स ने उनकी रूचियों,आदतों, पसंदीदा पुस्तक,पसंदीदा भ्रमण स्थान, परिवार,फिल्म वन धारावाहिक, दिनचर्या,लक्ष्य,विविध अनुभव आदि से संबंधित सवाल पूछे जिनके दोनों ही डॉक्टरों ने बड़ी ही सहजता और हाजिर जवाबी से उत्तर दिये।यह राउंड भी बहुत अधिक रोचक रहा।

फुलकारी कैन की कैंसर मुक्त अभियान की प्रोग्राम हेड और वूमेंस चैप्टर ऑफ सीटीआई,पंजाब की अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका गोयल ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए डॉक्टर दिवस को मनाया जाता है।उन्होंने कहा डॉक्टर होना सिर्फ एक काम नहीं है,बल्कि चुनौतिपूर्ण वचनबद्धता है।यह दिन यह विचार करने करने के लिए है डॉक्टर हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। डॉक्टर्स डे स्वयं डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह उन्हें अपनी चिकित्सीय प्रैक्टिस को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है।चिकित्सा सेवा एक ऐसी सेवा है जिसकी कभी सेवानिवृत्ति नहीं होती। चिकित्सक कठोर परिश्रम से और कई वर्षों की मेहनत से तैयार होते हैं।वास्तव में चिकित्सकों को धरती का दूसरा भगवान माना जाता है।उन्होंने डॉक्टर दिवस पर आधारित एक सुंदर व भावपूर्ण कविता का वाचन भी किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ.सुनील कुमार ने मेहमानों, विश्वविद्यालय-प्रशासन,तकनीकी सहयोगियों अंशुल अग्रवाल व गौरी चोपड़ा,जनसंपर्क विभाग, मीडिया और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।इस राष्ट्रीय वेबिनार में डॉ.सुरुचि चोपड़ा, श्री कमलकांत वत्स,फोर्टिस अस्पताल, अमृतसर से वरिष्ठ नर्स डॉ.सुमनदीप कौर और मार्केटिंग इंचार्ज श्री अशोक कुमार,फुलकारी महिला संगठन, अमृतसर की अध्यक्ष श्रीमती परनीत बब्बर,डी.आर.माडर्न स्कूल के प्रिंसीपल और रोटरी क्लब, अमृतसर सेंट्रल के सचिव श्री रविन्द्र पठानिया,दीनानगर से डॉ.पूनम महाजन,खालसा कॉलेज, अमृतसर से डॉ.सुरजीत कौर, विश्वविद्यालय के अध्यापकों,छात्रों सहित देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।इस आयोजन की सफलता से प्रेरित प्रतिभागियों की सुखद प्रतिक्रियाएं मिली हैं।सभी ने डॉक्टर दिवस के शुभावसर पर अपने-अपने अंदाज में डॉक्टरों को धन्यवाद दिया‌।