मॉलिक्युलर मॉडलिंग, ड्रग डिजाइनिंग पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

मॉलिक्युलर मॉडलिंग, ड्रग डिजाइनिंग पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के सेंटर फॉर बायोइंफॉर्मेटिक्स तथा सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में- मॉलिक्युलर मॉडलिंग, ड्रग डिजाइनिंग एंड प्री-क्लिनिकल इवैल्यूएशन विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई।

डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. अरुण नंदा ने समापन सत्र में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। प्रो. अरुण नंदा ने कार्यशाला के विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए मार्डन बायोमेडिकल रिसर्च में मोलिक्यूलर मॉडलिंग तथा ड्रग डिजाइनिंग के एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने दवा की खोज और विकास के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तकनीकों की क्षमता पर जोर देने की बात कहते हुए बताया कि इससे जन स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

विशिष्ट अतिथि एसोसिएट डीन, आर एंड डी डॉ. केके शर्मा ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। प्रारंभ में सेंटर फॉर बायो इंफोर्मेटिक्स के निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने स्वागत भाषण दिया। सीबीटी निदेशिका डॉ. रितु गिल ने कार्यशाला में आयोजित गतिविधियों बारे जानकारी दी। प्राध्यापक डॉ. सर्वजीत सिंह गिल ने आभार जताया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला संबंधित फीडबैक दिया। इस दौरान सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी तथा सेंटर फॉर बायोइंफॉर्मेटिक्स के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।