राजनीतिक उठापठक के बीच हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री बने नायब सिंह सैनी
रोहतक, गिरीश सैनी। लोकसभा चुनाव से बिल्कुल पहले हरियाणा में राजनीतिक अस्थिरता के बीच बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूट गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल सहित इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे का फैसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई संसदीय दल की बैठक के बाद आया।
इस औचक घटनाक्रम के तुरंत बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद नायब सैनी ने मंगलवार को पांच मंत्रियों कंवर पाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल और बनवारी लाल के साथ हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नायब सैनी ने 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता। पहले वह 2014 में नारायणगढ़ से विधायक चुने गए थे और चार साल तक हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। हाल ही में उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। सैनी को पूर्व सीएम मनोहर लाल का करीबी माना जाता है। वे एक-दूसरे को आरएसएस के दिनों से जानते हैं। ऐसा माना जाता है कि मनोहर लाल ने ही 2019 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा टिकट के लिए नायब सैनी के नाम की वकालत की थी।
नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिर्जापुर माजरा नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। कानून में स्नातक, सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए, जिसके माध्यम से उनकी मुलाकात मनोहर लाल से हुई और वे उनसे प्रभावित हुए। कुछ समय बाद, वह भाजपा में शामिल हो गए और बाद में अंबाला छावनी सहित कई स्थानीय पार्टी कार्यालयों में काम किया। 2002 में, वह अंबाला में भाजपा की युवा शाखा के जिला अध्यक्ष बने। नायब सिंह सैनी ने 2009 में हरियाणा में भाजपा की किसान शाखा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2012 में, वह अंबाला में भाजपा के जिला अध्यक्ष थे।
नायब सैनी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं और मनोहर लाल के बाद हरियाणा के दूसरे गैर-जाट सीएम हैं। उनके साथ शपथ लेने वाले पांच मंत्री विभिन्न समुदायों से आते हैं। शपथ समारोह के दौरान निवर्तमान सीएम मनोहर लाल खट्टर मंच पर मौजूद थे। उनके आगामी लोकसभा चुनाव करनाल से लड़ने की संभावना है।