महिला विश्वविद्यालय को लैंगिक तथा सामाजिक संवेदीकरण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए उठाएंगे आवश्यक कदमः कुलपति प्रो सुदेश
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां में विज्ञान, इंजीनियरिंग, आर्युवेद और होटल प्रबंधन संकाय में पेटेंट की संख्या बढ़ाने के लिए तंत्र तैयार करने पर विशेष फोकस रहेगा। विश्वविद्यालय में गैर सरकारी संगठनों से प्राप्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। इस आशय का निर्णय महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी)की 5वीं बैठक में लिया गया।
कुलपति प्रो सुदेश ने बैठक को संबोधित करते हुए सीड मनी के माध्यम से शिक्षकों को शोध के लिए प्रोत्साहित किए जाने की बात कही। उन्होंने विश्वविद्यालय को लैंगिक तथा सामाजिक संवेदीकरण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने को जरूरी बताया। कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि बैठक में मंथन उपरांत महिला विश्वविद्यालय में जरूरी प्रशासनिक तथा शैक्षणिक पहल की जाएंगी। उन्होंने सॉफ्ट स्किल्स तथा संचार कौशल बढ़ाने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
आईक्यूएसी सदस्य, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रो सुनीता श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण के लिए महिला विश्वविद्यालय में वर्मी कंपोस्ट केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। आईक्यूएसी में स्थानीय समाज के प्रतिनिधि के रूप में डॉ योगेंद्र मलिक ने विभिन्न विभागों व संस्थाओं को परामर्श के माध्यम से राजस्व सृजन का विचार साझा किया। औद्योगिक प्रतिनिधि के रूप में एलपीएस बोसार्ड समूह, रोहतक से मुकेश सिंह ने औद्योगिक इकाइयों के साथ सीएसआर भागीदारी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग अपनाने की बात कही।
निदेशक आईक्यूएसी, प्रो अशोक वर्मा ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया। डॉ. शालिनी ने बैठक का समन्वयन किया तथा प्रारंभ में पिछली बैठक पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में प्रो इप्शिता बंसल, प्रो सुरेंद्र मोर, प्रो श्वेता, प्रो रवि भूषण, प्रो नीलम जैन, प्रो विजय नेहरा, डॉ सुमन दलाल, वित्त अधिकारी रवि दत्त, परीक्षा नियंत्रक डॉ संदीप दहिया तथा छात्र प्रतिनिधि रीतु भी शामिल हुए।