मूक-बधिर जन को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए समान अवसर प्रदान करने की जरूरतः कुलपति प्रो. अनीता सक्सेना
रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज (सीडीएस) तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के संयुक्त तत्वावधान में आईएचटीएम कांफ्रेंस हॉल में संचालित- इनक्लूसिविटी एट एमडीयू कैंपस सेलिब्रेट कार्यक्रम में बुधवार को साइन लैंग्वेज विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई।
पं. भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विवि की कुलपति प्रो. अनीता सक्सेना ने बतौर मुख्यातिथि पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन कर इस कार्यशाला का शुभारंभ किया। प्रो. अनीता सक्सेना ने अपने प्रभावी संबोधन में कहा कि मूक-बधिर बच्चों में टैलेंट की कमी नहीं है। इनमें अद्भुत प्रतिभा और क्षमता है। आज जरूरत है तो मूक-बधिर जन को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए समान अवसर प्रदान करने की। प्रो. अनीता सक्सेना ने इस दिशा में एमडीयू द्वारा मूक-बधिर जन के लिए डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की पहल की सराहना करते हुए मूक-बधिर बच्चों को विविमें उच्च शिक्षा देने की जरूरत पर बल दिया।
आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया ने शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सांकेतिक भाषा हर जीव को जन्म से मिली है। उन्होंने कहा कि मूक-बधिर जन बारे समाज में जागरूकता की अलख जगाने की जरूरत है। समाज से इन्हें जोड़ने के लिए हम सबको सांकेतिक भाषा सीखनी चाहिए।
सीडीएस इंचार्ज डॉ. प्रतिमा देवी ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और मुख्यातिथि का परिचय दिया। सीडीएस चीफ कंसल्टेंट प्रो. राधेश्याम ने कार्यशाला की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। इमसार की प्राध्यापिका डॉ. प्रियंका यादव ने मंच संचालन किया। सीडीएस उप निदेशक डॉ. कपिल मल्होत्रा ने आभार जताया। आयोजन सचिव डा. योगेंद्र सिंह ने संचालन और समन्वयन सहयोग दिया।
इस दौरान प्रो. विनीता शुक्ला, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. ऋतु पसरीजा, डॉ. ज्योति, डॉ. विजय कुमार, पीआरओ पंकज नैन, राजेश रोहिल्ला, सचिन सरोहा, सीडीएस कर्मी सुनील कुमार सहित सीडीएस और यूटीडी के विद्यार्थी मौजूद रहे। इस तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। प्रथम सत्र में आईएसएल टीचर रामनाथ सिंह तथा इंटरप्रेटर रणदीप सिंह ने ग्रीटिंग्स विषय पर तथा दूसरे सत्र में आईएसएल टीचर अंकित तथा इंटरप्रेटर नीतू ने किनशिप टर्म्स तथा फिंगर स्पेलिंग बारे व्यावहारिक जानकारी दी।