1857 की क्रांति के महानायक - मंगल पांडे/नेहा सहगल द्वारा

1857 की क्रांति के महानायक - मंगल पांडे/नेहा सहगल द्वारा

आज हम सब एक आज़ाद भारत में सांस ले रहे है और इसका श्रेय जाता है भारत में जन्म लेने वाले हज़ारो क्रांतिकारियों को। इस क्रांति की नीव रखने वाले, भारत की आज़ादी की पहली क्रांति के महानायक का नाम है - मंगल पांडे। भारत के हर नागरिक के अंदर जो आज़ादी पाने की आग थी, उसे एक चिंगारी बन कर जलाने का काम मंगल पांडे ने किया था और समय के साथ ये आग बढ़ती ही चली गयी। ये आग तब तक चली रही जब तक भारत को आज़ादी प्राप्त नहीं हुई।आओ,आज 8 अप्रैल के दिन हम सब मंगल पांडे की शहादत और देश भक्ति को याद करते हैं। 

मंगल पांडे भारतीय स्वतंत्रता सैनानियों के पहले योद्धा थे। उनका जन्म 19 जुलाई,1827 को दिवाकर पांडे और अभय रानी के घर हुआ। अपने मज़बूत शरीर के कारण 22 वर्ष की उम्र में उनकी नियुक्ति ईस्ट इंडिया कंपनी के बंगाल नेटिव इन्फेंट्री में एक सिपाही के रूप में हुई। नौकरी पाने के कुछ समय के बाद ही उन्हें भारतीय सैनिको के साथ हो रहे भेदभाव का अनुभव हुआ।  उस समय पूरा भारत अंग्रेज़ो के अन्याय से झूझ रहा था और तभी 1857 में बंगाल यूनिट में राइफल के अंदर प्रयोग होने वाली कारतूस को बदलने का काम शुरू होने लगा। इस कारतूस को राइफल में भरने से पहले मुँह से खोलना पड़ता था।  लेकिन कुछ समय बाद भारतीय सैनिको को पता चला कि जिस कारतूस को वे अपने मुँह से खोलते है उसे बनाने के लिए गाय और सूअर के मांस का प्रयोग होता है।  तब सब सैनिक आग बबूला हो गए।  ये बात सब भारतीय सैनिको का धर्म भ्रष्ट कर रही थी जिस कारण सबसे पहले 9  फरवरी 1857 को मंगल पांडे ने इस हथियार को प्रयोग करने से इंकार कर दिया। तब अंग्रेज़ो ने पांडे से हथियार और वर्दी छीन लेने का आदेश दिया। 29 मार्च,1857 को अंग्रेजो के मेजर ह्यूमस आगे बढ़ कर मंगल पांडे से जबरन हथियार छीनने के लिए आगे बढ़ा।  पर मंगल पांडे ने अंग्रेजी सैनिको को मौत के घाट उतार दिया। वहां से भागने के बाद उन्होंने खुद को गोली मार कर आत्महत्या करने कि कोशिश भी की लेकिन बच जाने के बाद अंग्रेज़ो ने उन्हें घायल अवस्था में ही गिरफ्तार कर लिया।8 अप्रैल 1857 को मंगल पांडे को दी गयी फांसी ने न सिर्फ उत्तर भारत बल्कि सारे भारत में अंग्रेज़ो के खिलाफ आग को बढ़ा दिया और इस चिंगारी ने भारत को आज़ाद करवाने की नीव रखी। 

देश हमारा सदा ही खुशहाल रहे।। 
न हो गुलामी ,न कोई अत्याचार रहे।। 
मेहनत के साथ सच्चा ही व्यवहार रहे।। 
धर्म कभी भ्रष्ट न हो ,ऐसा हमारा विचार रहे।। 
क्रांतिकारियों के महानायक- मंगल पांडे याद रहे।। 
मगल पांडे की चिंगारी का इतिहास ये गवाह रहे।।