समाचार विश्लेषण/नया तरीका धन्यवाद का
अच्छा सिला दिया मेरे प्यार का
अहसान नहीं कोई गठबंधन का
-कमलेश भारतीय
-अब जबकि आखिरी साल रह गया हरियाणा की भाजपा जजपा गठबंधन सरकार का तब इस गठबंधन को लेकर नयी तरह की मरोड़ शुरू हो चुकी है । गठबंधन के समय बात कुछ और थी और अब सरकार का सुनहरी दौर बीतने के बाद बात कुछ और है ! तब कितनी भागदौड़ थी सरकार बनाने की जो कहते थे पचहत्तर पार और जो कहते थे यमुना पार लेकिन दोनों विपरीत ध्रुव मिले जिससे कांग्रेस सरकार बनने से रह गयी और दुष्यंत को तो दोनों तरफ से उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश थी सो उपमुख्यमंत्री बने । रह गये तो जजपा के विधायक रामकुमार गौतम जिन्हे प्यार व आदर से दादा गौतम कहते रहे लेकिन कोई मंत्री पद नहीं मिला जिससे वे पहले दिन से ही नाराज हो गए । यहां तक कहते आ रहे हैं कि ग्यारह ग्यारह विभाग अकेले दुष्यंत ने ही संभाल लिये ! सारी मलाई ले गये । यानी हम कहां जायें ! जायें तो कहां जायें ! यही हाल बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग का रहा जिन्हें मंत्रिपद को आस थी । करूं क्या आस निरास भई ! चेयरमैन बना कर मनाने की कोशिश भी बेकार गयी और वे इस बार तो बिना किसी पद के ही अपना कार्यकाल पूरा करते दिख रहे हैं ।
इसके बावजूद यह गठबंधन की रार तब बढ़ गयी जब हरियाणा भाजपा के प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव ने एक प्रकार से घोषणा ही कर दी कि उचाना से तो मेरी दीदी प्रेमलता ही विधायक बनेंगीं ! बस ! जैसे गठबंधन पर यह बात बादल फटने जैसी भारी पड़ी! जननायक जनता पार्टी के सर्वेसर्वा और पूर्व सांसद अजय चौटाला ने तुरंत कहा कि जिस उचाना विधानसभा क्षेत्र से दुष्यंत ने प्रेमलता को चालीस हजार वोट के भारी अंतर से हराया वहां से तो दुष्यंत ही मैदान में उतरेगा ! किसी के पेट में मरोड़ होता हो तो हो ! जजपा के अध्यक्ष निशान सिंह ने भी कहा कि गठबंधन रहे या न रहे दुष्यंत उचाना से ही चुनाव लड़ेंगे ! डाॅ के सी बांगड़ ने भी कहा कि दुष्यंत की जीत पर चौ बीरेन्द्र के परिवार के पेट में दर्द है । चौ बीरेन्द्र लगातार यह सलाह भाजपा को देते आ रहे हैं कि भाजपा सक्षम है और इसे किसी गठबंधन की जरूरत नहीं । यही राय कैप्टन अभिमन्यु की भी है ।
विप्लव देव ने इसका भी जवाब दिया कि यदि जजपा ने भाजपा को सर्मथन दिया तो कोई अहसान नहीं किया ! निर्दलीय भी हमारी सरकार का साथ दे रहे हैं और इन निर्दलियों में पहले महम के विधायक बलराज कुंडू भी थे जिनकी पद की आस भी टूट गयी और वे राज्यसभा चुनाव में मतदान करने ही न गये ! फिर हरियाणा में पदयात्रा की । यह अजीब तरह का समर्थन रहा ।
इस सारे घटनाक्रम से एक बात तो जाहिर है कि उचाना विधानसभा क्षेत्र चुनाव की घोषणा से पहले ही हाॅट सीट बन चुका है ! विप्लव देव का कहना है कि जजपा से आने वाले समय में गठबंधन जारी रहेगा या नहीं इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा ।
वैसे मरोड़ तो कांग्रेस में भी है मुख्यमंत्री पद को लेकर । सुश्री शैलजा कह रही हैं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह प्रदेशाध्यक्ष तय नहीं करते ! प्रदेशाध्यक्ष पार्टी हाईकमान की बात मानते हैं न कि अपनी चलाते हैं ! मुख्यमंत्री कौन होगा , यह हाईकमान तय करेगा ! जवाब में प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कह दिया कि जनता की आवाज भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिये है । अब यह पेटदर्द कांग्रेस में भी होने लगा है और मरोड़ भी ! कांग्रेस में आंतरिक गठबंधन की जरूरत है ।
तू परेशान बहुत है , तू परेशान न हो
इन खुदाओं की खुदाई नहीं जाने वाली (दुष्यंत कुमार )
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।