भगदड़, अनहोनी और टैक्स के साथ शुरू हुआ नया साल
नये साल पर इस बार लोग पहले की तरह खुल कर जश्न नहीं मना पाये। दिल्ली, बंगलौर और मुंबई समेत कई शहरों व राज्यों में पार्टी करने की अनुमति नहीं थी। हिमाचल प्रदेश में ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी, इसलिए शिमला में 20 हजार से अधिक पर्यटक पहुंच गये।
नये साल पर इस बार लोग पहले की तरह खुल कर जश्न नहीं मना पाये। दिल्ली, बंगलौर और मुंबई समेत कई शहरों व राज्यों में पार्टी करने की अनुमति नहीं थी। हिमाचल प्रदेश में ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी, इसलिए शिमला में 20 हजार से अधिक पर्यटक पहुंच गये। हिमाचल पर्यटन विभाग की ओर से रेडियो व अन्य माध्यमों से बाकायदा विज्ञापन करके पर्यटाकों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन रंग में भंग डाल दिया एक खुफिया सूचना ने कि पाकिस्तानी आतंकी शिमला के रिज मैदान को बम से उड़ाने की फिराक में हैं। फिर क्या था, शाम साढ़े सात बजे अचानक पुलिस बल ने सभी पर्यटकों को होटलों में लौट जाने को कहा और आठ बजे तक रिज व माल रोड सूना हो गया। हालांकि, पर्यटकों से यह कहा गया कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट फैलने का खतरा है इसलिए तुरंत वापस लौट जाओ। साढ़े आठ बजे तक सभी दुकानें बंद करा दी गयीं। हो गया नया साल मुबारक।
उधर, जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर में नया साल मनाने के लिए इतनी भारी तादाद में भीड़ पहुंच गयी कि भगदड़ में एक दर्जन से अधिक लोग मारे गये और बीसियों घायल हो गये। यह हादसा रात ढाई बजे के बाद हुआ। वैष्णो देवी मंदिर न्यास ने भीड़ को नियंत्रित करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किये थे, जिसके चलते यह दर्दनाक हादसा हो गया। नया साल शुरू होते ही आर्थिक मोर्चे पर भी कुछ खट्टे मीठे बदलाव सामने आये। दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और तमिलनाडु के वित्तमंत्रियों के विरोध के बाद टैक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ाने का कदम पीछे खींच लिया गया। होम टैक्सटाइल एक्सपोर्टर्स वैलफेयर एसोसिएशन (हेवा) ने भी जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत करने के प्रस्ताव का शुरू से ही विरोध किया था। हेवा के डायरेक्टर विकास सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कपड़ों पर जीएसटी स्लेब न बढ़ाने का अनुरोध किया था। उन्होंने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देते हुए कहा है कि जीएसटी में वृद्धि से छोटे दुकानदारों, लघु एवं मंझोले उद्यमों और व्यापारियों को भारी नुकसान होता और अंतत: आम आदमी भी महंगाई से परेशान होता। कोविड ने पहले ही उद्योगों की कमर तोड़ रखी है, लेकिन अब ये व्यापारी और उद्यमी आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ पायेंगे।
भले ही कपड़ों पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय फरवरी तक टाल दिया गया है, लेकिन जूतों पर टैक्स 12 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे अब जूते 7 प्रतिशत महंगे मिलेंगे। गनीमत है कि जूते रोज रोज नहीं खरीदे जाते, जबकि कपड़ों की अधिक जरूरत पड़ती है। एक और मामले में आम आदमी को नुकसान होने जा रहा है। अब एटीएम से पैसे निकालने पर ज्यादा टैक्स लगेगा। एटीएम मशीनों के रखरखाव और निगरानी पर बैंकों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है, इसलिए बैंक के अपने एटीएम का किसी भी रूप में पांच से ज्यादा बार इस्तेमाल करने पर अब हर बार 21 रुपये चार्ज लगेगा। पहले यह चार्ज 20 रुपये होता था। हालांकि, अन्य बैंकों के एटीएम पर हर बार चार्ज देना होता है। 31 मार्च 2021 तक की जानकारी के अनुसार, देश में 1,15,605 ऑनसाइट और 97,970 ऑफसाइट एटीएम मशीनें हैं। देश में पहली एटीएम, मुंबई में 1987 में एचएसबीसी बैंक ने लगायी थी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)