समाचार विश्लेषण/जी 23 हैं , जी हुजूर न समझिये 

समाचार विश्लेषण/जी 23 हैं , जी हुजूर न समझिये 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
वाह उस्ताद नहीं वाह ताज बोलिए । कितना बढ़िया था ताज चाय का विज्ञापन । अब कांग्रेस का इसी तर्ज पर विज्ञापन आ रहा है -जी 23 हैं हम , जी हुजूर न समझिये । यह विज्ञापन बनाया है कपिल सिब्बल ने और इसकी सज़ा यह मिली कि उनके घर के बाहर टमाटर फैंक प्रदर्शन किया गया युवा कांग्रेसियों की ओर से । यों भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर व तन्खा ने भी इस तरह की घटनाओं की निंदा की है । क्या पार्टी के अंदर लोकतंत्र नहीं है ? जब पार्टी के अंदर ही लोकतंत्र नहीं तो बाहर किस लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हो ? दूसरी पार्टी से क्या उम्मीद लगाये हो ? क्या यह सवाल उठाना गलत है कि यदि सोनिया गांधी बीमार हैं तो उनकी जगह।फैसले कौन ले रहा है ? और ऐसे फैसले? जिससे पार्टी को लोग सर्कस कहने लगे हों । खासतौर पर पंजाब में जो इन दिनों हुआ वह सर्कस से कम नहीं कहा जा सकता । कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यह कहने में देर नहीं लगाई कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपरिपक्व हैं । राहुल के बारे में स्वर्गीय शीला दीक्षित भी कह गयी थीं कि अभी राहुल बाबा है । समय दो इसे । पर कितना समय ? आखिर कांग्रेस को इस तरह के घटनाक्रम की उम्मीद थी ? आखिर कब तक अंदर लोकतंत्र नहीं लायेंगे? कब तक अंतरिम अध्यक्ष के नाम पर राहुल या प्रियंका फैसले लेते रहेंगे ? यह एक खुला रहस्य है कि फैसले ये भाई बहन ही ले रहे हैं जिससे कांग्रेस का पंजाब में ऐसा प्रदर्शन हो गया कि अध्यक्ष तक इस्तीफा दे गया । मुख्यमंत्री को कोई मुख्यमंत्री नहीं मानता । कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने दो दिन दिल्ली बिताये । समझ गये कि भाजपा में सीधे गये तो नुकसान ही नुकसान है । इसलिए नयी पार्टी बनाने की कह कर कांग्रेस को बाॅय बाॅय कह दिया । फिर दिल्ली की मुलाकातों का मतलब ? एक ही रट कि नवजोत को जीतने नहीं दूंगा । विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाऊंगा । दोनों का हठ एक । नवजोत मुख्यमंत्री न बन पाये तो खेल बिगाड़ दिया और कैप्टन अमरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री न रहे तो खेल बिगाड़ने पर तुले हैं । ठंडे मन से सोच विचार कर लो । फिर कोई कदम उठाना । जल्दबाजी से कुछ न होगा ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।