डबल इंजन नहीं, नये इंजन की जरूरत?
-*कमलेश भारतीय
हरियाणा विधानसभा चुनाव में या अन्य राज्यों के चुनाव में भाजपा का प्रचलित नारा है-डबल इंजन की सरकार लाओ यानी केंद्र और राज्य में भाजपा की ही सरकार बनाओ । फिर चाहे मेयर का चुनाव हो, उसमें भी यही नारा कि डबल इंजन की सरकार लाओ ।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राजनीति में आने से पहले एक कामेडियन रहे और यह हास्य का पुट आज भी उनकी रग रग में समाया हुआ है या कहिये कि खून में प्रवाहित हो रहा है । राजनीति में आने के बावजूद यह हास्य का अंदाज़ कायम है । अभी वे आप पार्टी के लिए प्रचार करने कलायत आये तो मज़ेदार टिप्पणी कर डाली कि भाजपा कहती है डबल इंजन की सरकार लाओ जबकि हरियाणा में डबल इंजन की सरकार बन भी गयी थी, फिर बीच में एक इंजन खराब हो गया, अब हरियाणा में डबल इंजन की नहीं बल्कि नये इंजन की सरकार की जरूरत है । मान ने कहा कि आप पार्टी के बारे में कहते थे कि तजुर्बा नहीं है जबकि हम दिल्ली और पंजाब में सफलतापूर्वक सरकारें चला रहे है़ और आपको भी अब नये इंजन की जरूरत है न कि डबल इंजन वाली सरकार चाहिए । मान ने कलायत के अलावा जाखल में भी पार्टी के लिए प्रचार किया लेकिन भाजपा पर ही व्यंग्य बाण चलाये न कि कांग्रेस पर क्योंकि आप और कांग्रेस में हरियाणा में गठबंधन होने की कवायद जारी है । इसलिए फू़क फू़क कर भाषण दिया और निशाने पर भाजपा को ही रखा । अपनी व दिल्ली सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं । आप और कांग्रेस में अभी गठबंधन की संभावनायें तलाश करने में दोनों दलों के नेता लगे हुए हैं और इसी के चलते कांग्रेस ने छोटी सूची ही जारी की है लेकिन भाजपा की ही तरह सिर्फ सात घंटे पहले कांग्रेस का हाथ थामने वाली महिला पहलवान विनेश फौगाट को उसकी ससुराल जुलाना से टिकट भी दे दी गयी । बेशक वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल न जीत सकी पर विधानसभा में यदि पहुंच जाती है तो यह किसी गोल्ड मेडल से कम नहीं होगा । वैसे जिस दिन सांसद दीपेंद्र हुड्डा एयरपोर्ट से विनेश फौगाट को रिसीव करने गये थे, विनेश का राजनीति में प्रवेश तभी हो गया था, फिर वे राहुल गा़धी से मिलीं तो उनके चुनाव लड़ने पर मुहर लग गयी और आखिरकार वे अपनी ससुराल से चुनाव लड़ने जा रही हैं । साक्षी मलिक ने इसे व्यक्तिगत फैसला बताते हुए महिला खिलाड़ियों के लिए संघर्ष जारी रखने की घोषणा की है। बजरंग पूनिया को भी कांग्रेस ने महत्वपूर्ण पद देकर नवाजा है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इन दोनों के कांग्रेस ज्वाइन करने पर कटाक्ष करते कहा कि अब इनका राजनीति से रिश्ता उजागर हो गया है । मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस पर हैरानी जताई है । असल में इस बार भाजपा का खिलाड़ियों पर दांव नहीं चल पाया । पिछली बार हाॅकी के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को पिहोवा से उतारा था, जीते भी, खेलमंत्री भी बनाया पर उन्होंने भाजपा को शर्मसार ही किया और उनका राजनीतिक करियर भी लगभग खत्म हो गया । इसी तरह दलबदल करते मुक्केबाज बिजेंद्र भी कहीं के नहीं रहे। अभी तक भाजपा या कांग्रेस किसी ने भी टिकट नहीं दिया। आगे कुछ कह नहीं सकते । विनेश ने जुलाना से टिकट लेकर अपने परिवार से राजनीतिक सामना होने से खुद को बचा लिया । हालांकि बबिता फौगाट को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा ही नहीं ।
चलिये, देखते हैं कौन से इंजन की सरकार बनती है -डबल इंजन या नये इंजन की?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।