एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने गांव मायना में जागरूकता रैली निकाली

एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने गांव मायना में जागरूकता रैली निकाली

रोहतक, गिरीश सैनी। महारानी  किशोरी जाट कन्या महाविद्यालय की एन.एस.एस. इकाइयों द्वारा गांव मायना में संचालित सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन गरिमा ने प्रतिभागियों को विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया।  एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी सोफिया जाखड़ और डॉ सविता मलिक ने वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।

सहायक प्रोफेसर डॉ सीमा ने "तालाबों के महत्व" विषय पर अपने व्याख्यान में स्वयंसेविकाओं को तालाब व झील में अंतर बताया। उन्होंने तालाबों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रति जागरूक किया और इन्हें सफल करने के लिए प्रेरित किया। सभी स्वयंसेविकाओं ने गांव में जागरूकता रैली निकालकर गांव वासियों को "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ", "पानी के संरक्षण" और "संविधान" के प्रति जागरूक किया।

प्रोटेक्शन कम चाइल्ड मैरिज प्रोहिबिशन ऑफिसर करमिंदर कौर ने "लिंग भेदभाव व महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा एवं महिलाओं के अधिकार” विषय पर चर्चा करते हुए स्वयंसेविकाओं को समाज में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा का विरोध करने को कहा। साथ ही बाल विवाह को दंडनीय अपराध बताते हुए इसका विरोध करने को कहा। सोनिया मलहान ने स्वंयसेविकाओं को हैंड पेंटिंग की जानकारी दी और "बुकमार्क" बनाना सिखाया। सायं कालीन सत्र में स्वयंसेविकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया।