21वीं सदी में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के विकास में न्यूक्लियर कैमिस्ट्री की भूमिका अहम: प्रो. सी. पी. कौशिक
रोहतक, गिरीश सैनी। भारत का समावेशी विकास के लिए तथा वैश्विक मंच पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करने के लिए, बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के अलावा न्यूक्लियर कैमिस्ट्री का विज्ञान के अनेक क्षेत्रों जैसे चिकित्सा विज्ञान, पर्यावरण, जल, खाद्य पदार्थों, औधोगिक विकास तथा राष्ट्रीय सुरक्षा में उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। यह उद्गार होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के सीनियर प्रोफेसर तथा भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, मुंबई के न्यूक्लियर रिसाइकिल ग्रुप के पूर्व डायरेक्टर प्रो. सी. पी. कौशिक ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री विभाग द्वारा एम्पावरिंग टुमारो: नेविगेटिंग ऑपरच्यूनिटीज एंड चैलेंजिस इन न्यूक्लियर साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर ए सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषयक ऑनलाइन विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।
अपने प्रभावशाली संबोधन में प्रो. सी. पी. कौशिक ने 21वीं सदी में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के जबरदस्त विकास में न्यूक्लियर कैमिस्ट्री की भूमिका की व्याख्या की। उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत को उत्कृष्ट बनाने के लिए न्यूक्लियर विज्ञान में रचनात्मकता, नवीनता, शोध, अनुसंधान तथा वर्तमान वैश्विक रुझानों की पूर्ण जानकारी के समावेश पर बल दिया। कैमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष एवं इस कार्यक्रम के कंवीनर प्रो. देवेंद्र सिंह ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। इस व्याख्यान की कोआर्डिनेटर डा. कोमल जाखड़ ने कार्यक्रम का समन्वयन, संचालन एवं आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कैमिस्ट्री विभाग के पूर्व प्रोफेसर डा. केसी सिंह तथा डा. प्रताप सिंह कादयान ने विद्यार्थियों को जीवन में पढ़ाई की महता के बारे में बताया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस दौरान कैमिस्ट्री विभाग के प्राध्यापक डा. राजेश कुमार मलिक, डा. हरिओम, डा. प्रीति बूरा दून, डा. नवीन कुमार, डा. मुखनवती, डा. संगीता, डा. विजया, रचना, साक्षी, तथा बरखा समेत विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।