ओ मां , प्यारी मां
जन्म होते ही जिसे सबसे पहले बच्चा देखता है वह उसकी मां होती है , प्यारी प्यारी मां । पिता तो सूचना मिलने पर बाद में प्रवेश करता है उसके जीवन में । सबसे बड़ी सुरक्षा मां की गोदी में महसूस करता है । पिता की गोद मे आने से भी कई बार इंकार कर देता है । मां ही पहली शिक्षिका ।
-कमलेश भारतीय
जन्म होते ही जिसे सबसे पहले बच्चा देखता है वह उसकी मां होती है , प्यारी प्यारी मां । पिता तो सूचना मिलने पर बाद में प्रवेश करता है उसके जीवन में । सबसे बड़ी सुरक्षा मां की गोदी में महसूस करता है । पिता की गोद मे आने से भी कई बार इंकार कर देता है । मां ही पहली शिक्षिका । मुझे अपना बचपन याद है । मां मुझे स्कूल जाते समय मेरी तख्ती चमका कर देती थी । स्कूल से लौटने पर हिंदी की खूबसूरत लिखावट बनाती थी । इसलिए स्कूल काॅलेज तक मेरी लिखावट की प्रशंसा होती रही । दैनिक ट्रिब्यून में एक बार यूनियन की कोई सूचना टाइप न हो पाई तो मेरे पास आए कि लिख दो ।आपकी लिखावट टाइप से ज्यादा अच्छी है तो मां बहुत याद आई । पिता नहीं रहे छोटी उम्र में । मैं ही भाई बहनों में सबसे बड़ा । मां हर मुसीबत में कहती 'हऊ फेर' यानी कोई चिंता की बात नहीं । यह 'हऊ फेर' मेरे जीवन का मंत्र है । सब समस्या इस 'हऊ फेर' से हल हो जाती है । शिवाजी मराठा की मां जीजाबाई ने क्या कम रोल निभाया उनके जीवन में ? जीजाबाई जैसी मां सबको नसीब नहीं होती और सब बच्चे शिवाजी मराठा नहीं बनते । आज मातृ दिवस है । हम इसे अंग्रेज़ी स्टाइल में मदर्स डे कह कर मनाते हैं । सब विदेशी स्टाइल । वेलेनटाइन डे । वसंत पंचमी नहीं मनाते उतनी धूमधाम से । क्रिसमस पर खुश । नववर्ष पर खुश । विक्रम संवत भूल जाते हैं । मां हमारी हिंदी भाषा और हम अंग्रेजी मां के गुणगान करते नहीं थकते । भाषाएं जितनी सीख लें कोई बात नहीं पर मौसी के लिए मां को भूल जाओ । यह तो बड़ी चिंता कि बात हुई न । हिंदी भाषी का मज़ाक उड़ाओ और अंग्रेजी भाषा वाले को गले लगाओ । यह तो बहुत चिंता की बात । आज मातृ दिवस पर मां को याद कीजिए । मां ने क्या क्या सिखाया , उसका शुक्रिया कीजिए । मां सिर्फ खुशी में खुश होती है । बदले में कोई गिफ्ट नहीं मांगती । बस । गद्गद् हो जाती है मानो उसकी तपस्या पूरी हो गयी हो । मुझे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कथा संग्रह 'एक संवाददाता की डायरी' कथा संग्रह पर सम्मान- पुरस्कार मिला तो पहुंचा नवांशहर अपने घर । मां की खुशी का कोई पारावार नहीं था । पूरे मोहल्ले में लड्डू बांटने गयी । कुछ नहीं मांगा अपने लिए । मां देती ही देती है । कभी बदले में कुछ मांगती नहीं । सबकी मांएं ऐसी ही ममतामयी होती हैं । पर हम लौटाना भूल जाते हैं । प्लीज । मातृ दिवस को सिर्फ मनाने की बात न कीजिए । मां को सम्मान दीजिए । मां हमारे लिए सबसे पहले भाग कर दरवाजा खोलती है जबकि हम वृद्धावस्था में उसके लिए दरवाजे बंद कर देते हैं और मां को मोक्षाश्रम छोड़ आते हैं ।
मां और बेटे के दो फोटो खूब समाचार पत्रों मे देखे जाते रहे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब तब अपनी मां के चरणों में बैठे नजर आते थे और राहुल गांधी को अपनी भारत जोड़ो यात्रा मे मां सोनिया गांधी के जूते के तस्मे बांधते हुए देखा गया । मां का ऋण कब उतारोगे भाई ?
मां हुदी ए मां
ओ दुनिया वालेयो ,,,