चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखे अधिकारीः जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार
उम्मीदवारों के खर्च का तीन बार होगा निरीक्षण।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2024 के दौरान चुनाव खर्चे पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में चुनावी खर्च को लेकर सहायक खर्च पर्यवेक्षक, क्षेत्र अधिकारी व सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि भारत चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के चुनावी खर्च की सीमा निर्धारित की है। एक प्रत्याशी 40 लाख रुपए तक चुनावी खर्च कर सकता है। उन्होंने कहा कि खर्च निगरानी सेल द्वारा प्रत्येक चुनावी खर्च का आकलन करके उसे शैडो रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि इसी प्रकार का रजिस्टर विधानसभा उम्मीदवार द्वारा भी लगाया जाएगा। नामांकन दाखिल होने से लेकर परिणाम घोषित होने तक तीन बार उम्मीदवारों के खर्च का आकलन किया जाता है। इस संबंध में विभिन्न वस्तुओं के मूल्य भी निर्धारित किए गए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से भी आग्रह किया कि वे सभी खर्चों को उचित रूप से दर्ज करें और निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने से बचें।
जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग खर्च को दो श्रेणियों में रखता है। पहला निर्वाचन व्यय है, जिसमें जनसभा, पोस्टरों, बैनरों, वाहनों, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों जैसे प्रचार संबंधी मदों पर व्यय शामिल है। दूसरी श्रेणी में उस खर्च को शामिल किया जाता है, जो गैर-कानूनी हैं। इसमें शराब, धन का वितरण आदि शामिल हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अधीन यह एक भ्रष्ट आचरण है। ऐसी मदों पर व्यय करना अवैध है। चुनाव आयोग प्रतिनियुक्त विज्ञापन और पेड न्यूज को भी चुनाव खर्च मानता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनावी खर्च में चाय, पानी, मटन, चिकन, मिठाई, नींबू-पानी, समोसे, कचौरी, बिरयानी तंदूर, दाल-मखनी, मिक्स वेज, बटर नान, मिस्सी रोटी, सादी रोटी, काजू कतली, गुलाब जामुन आदि के खर्च को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा उम्मीदवार का कार्यालय, रैली, टेंट, हेलीपैड, लक्जरी वाहन, फार्म हाउस, फूल माला, गुलदस्ते, कूलर, टॉवर, एसी, टोपी, झंडे और सोफा आदि का खर्च भी शामिल है। अगर प्रत्याशी इनका इस्तेमाल करता है तो खर्च उसके व्यय में जोड़ा जाएगा। इस दौरान बिक्री कर के डीईटीसी एस.के. बोडवाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। /5/9