एनजीटी की हिदायतों अनुसार अधिकारी उठाए कदमः उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा
एनसीआर क्षेत्र में लागू ग्रेप-एक व दो के दृष्टिगत हिदायतों का गंभीरता से हो पालन।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की हिदायतों के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदूषण के स्तर को मध्यनजर रखते हुए सभी हिदायतों का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें। ड्यूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्घ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पराली जलाने तथा कचरा जलाने पर निगरानी के लिए तीन स्तरीय निगरानी समितियां गठित की जाए। ऐसी घटनाओं की जांच के लिए उड़नदस्ता भी गठित किया जाए।
डीसी धीरेंद्र खडग़टा ने स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विभागों द्वारा शहरी क्षेत्र में 500 वर्ग गज से अधिक भूमि पर निर्माणाधीन भवनों का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया जाए। जीर्ण-शीर्ण भवनों को तोडक़र नए भवन बनाते समय भी सभी हिदायतों का पालन करें। भवन के मलबे को निर्धारित स्थान पर डलवाए। निजी संपत्ति पर 500 वर्गगज से कम भूमि पर भवन निर्माण के दौरान भी सभी हिदायतों की पालना सुनिश्चित करवाई जाए ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो। विभाग अपने कॉन्ट्रेक्टर को भी जागरूक करें कि वे भवन तोडऩे के बाद मलवे को सडक़ पर न छोड़े। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित विभाग पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो विभाग द्वारा कॉन्टे्रक्टर से वसूला जाएगा।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि प्राधिकरण की हिदायतों अनुसार सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव करवाया जाए तथा इसके लिए ताजा पानी प्रयोग न हो। सडक़ों पर छिडक़ाव के लिए एसटीपी द्वारा शुद्घ किए गए पानी का प्रयोग किया जाए। अधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वाहन से ड्रेन व नहरों में गंदा पानी न डाला जाए। डीसी ने जिला राजस्व अधिकारी तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक गांव में धान की पराली जलाने की निगरानी के लिए पटवारी व ग्राम सचिवों की तैनाती की जाए। इनके साथ नंबरदार व गांव के चौकीदार को भी शामिल किया जाए।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने पुलिस उपाधीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में 10 साल पुराने डीजल वाहन तथा 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर में आने वाले वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए और यदि कोई वाहन ज्यादा धुंआ छोड़ रहा है तो तुरंत उसकी प्रदूषण की जांच करवाई जाए ताकि वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जाए सकें। डीसी ने एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक ईकाईयों के संचालकों को जागरूक करें कि वे प्राधिकरण द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालन सुनिश्चित करें। इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल व ध्वनि प्रदूषण की भी जांच की जाए।
इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार, सहायक आयुक्त अंडर ट्रेनिंग अभिनव सिवाच, रोहतक के उपमंडलाधीश आशीष कुमार, सांपला के उपमंडलाधीश सुभाष चंद्र जून, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त भूपेंद्र सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, जिला राजस्व अधिकारी कनब लाकड़ा, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि मौजूद रहे।