लिंगानुपात में सुधार के लिए अधिकारी करें गंभीर प्रयासः उपायुक्त अजय कुमार
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। उपायुक्त अजय कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में लिंगानुपात में सुधार के दृष्टिगत प्रसव पूर्व लिंग जांच एवं कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा रेड करें। महिला एवं बाल विकास विभाग का क्षेत्रीय अमला प्रसव पूर्व लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों की सूचना जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए। सही सूचना देने वाले को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी तथा उसकी पहचान भी गुप्त रखी जायेगी।
स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही योजनाओं व बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला में लिंगानुपात को सुधारने के लिए धरातल पर निरंतर लोगों के साथ स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि नवविवाहित दंपत्तियों तथा एक लड़की के माता-पिता की पहचान कर उनके साथ संवाद स्थापित किया जाए तथा उन्हें लड़का-लड़की में भेदभाव न करने के लिए जागरूक किया जाए। विभाग द्वारा जागरूकता कार्यशाला का आयोजन भी नियमित अंतराल पर करवाया जाए।
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का शीघ्र पंजीकरण किया जाए ताकि उनकी निगरानी की जा सके। विशेष तौर से पहले बच्चे के तौर पर लडक़ी को जन्म देने वाली महिलाओं पर नजर रखी जाये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को योजना का पूर्ण लाभ प्रदान किया जाए। पोषण अभियान की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि अभियान का सम्पूर्ण डाटा अपलोड किया जाये। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यह डाटा फीड करने का सही प्रशिक्षण दिलवाया जाये।
उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किये जा रहे 100 प्ले स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने नाबार्ड के तहत प्रस्तावित 31 आंगनवाडी केंद्रों के निर्माण के बारे में पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता को इन निर्माण कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय गांधी कैंप स्थित महिला आश्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे वन स्टॉप सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं तथा वर्तमान में कार्यरत स्टाफ इत्यादि की भी समीक्षा की। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कुमारी दीपिका सैनी ने एजेंडा में शामिल बिन्दुओं की क्रमवार समीक्षा करवाई।
इस दौरान उपमंडलाधीश विवेक आर्य, सहायक आयुक्त अंडर ट्रेनिंग अंजली श्रोत्रीय, पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह, सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला, उप सिविल सर्जन डॉ. केएल मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ, सुपरवाइजर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।