समाचार विश्लेषण/नवरात्रों के दिन और नारी की यह हालत?
-*कमलेश भारतीय
नवरात्रों के दिन चल रहे हैं । कल व परसों कंजक पूजन भी धूमधाम से होगा । प्राचीन समय से होता आ रहा है और आगे भी होता रहेगा । हमारे संस्कार और संस्कृति में कहा गया है कि नारी की पूजा करो । जहां निरी की पूजा होती है , वहां देवता निवास करते हैं ! नारी शक्ति है । नारी के अनेक रूप हैं । सबसे बड़ा रूप है नारी का दुर्गा हो जाना ! नारी जब दुर्गा रूप धर लेती है तब सामने खड़ा व्यक्ति बस हाथ जोड़ता ही रह जाता है ! माफी मांगता ही रह जाता है ।
इसके बावजूद इन दिनों उत्तराखंड की अंकिता का मामला उछल रहा है लगातार । कोई गहरी जांच सामने नहीं आ रही और हमारा मीडिया भी शांत है ! भाजपा शासित राज्यों में मीडिया बहुत सोच समझकर बोलता है जबकि दूसरे राज्यों में ऐसे कांडों पर खूब चीखता है ! आप भूले नहीं होंगे जब बिहार में नीतिश कुमार ने भाजपा को छोड़कर सरकार बनाई तो दो ही दिन बाद यही मीडिया वहां 'जंगलराज लौट आया' की घोषणा करने लगा ! यह है हमारा मीडिया ! अंकिता एक उन्नीस साल की युवती । सपने लेकर आई और जान देकर अपने सपने की कीमत चुका गयी । रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट की जाॅब थी । होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद पहली पहली जाॅब लगी थी । इसके बावजूद किसी वीआईपी की बुरी नज़र उस पर ऐसी पड़ी कि जान लेकर ही उतरी ! कितना प्यारा शब्द दिया वेश्यावृत्ति को कि वीआईपी को खुश कर दो , दस हजार रुपये मिल जायेंगे ! जब उस स्वाभिमानी युवती ने यह गंदी ऑफर ठुकरा दी तो उसे बेरहमी से मिल दिया गया ! चोटों के निशान भी बताये जा रहे हैं और एक दांत भी टूटा हुआ था ! चार लोग रिसोर्ट से बाहर जाते हैं अंकिता समेत और तीन लोग वापिस आते हैं । अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी जाती है ! खुद कथित तौर पर मारने वाला शख्स ही गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाता है ! है न अजब गजब जासूसी उपन्यास की पटकथा ! उस उन्नीस वर्षीय सपनीली युवती का बस इतना ही कसूर कि उसने गंदे ऑफर को ठुकरा दिया । जाॅब छोड़ने को तैयार थी , इज्जत बेचने को तैयार नहीं थी ! फिर क्यों ? कितनी कहानियां निकल कर आ रही हैं । पिंजरे बनवा रखे थे जिनमें कर्मचारियों को बंद कर क्रूर सजायें देता था पुलकित । एक भाजपा नेता का प्यारा बेटा ! किसकी शह पर ? क्यों और कैसे कहां से इतनी हिम्मत थी ? एक अन्य युवती प्रियंका का ऐसा ही मामला भी खुल रहा है । प्रियंका की भी गुमशुदगी की रिपोर्ट अब रहस्यमयी लगने लगी है । सब रहस्य खुल रहे हैं लेकिन पुलिस सुस्त कदम चल रही है । रिसोर्ट को आग किसने लगाई और क्यों ? विधायक रेणु बिष्ट किसको बचाने गयी थीं ? प्रशासन क्या कर रहा था ? किसने आदेश दिये रिसोर्ट पर बुलडोजर चलाने के ? बताइए बुलडोजर बाबा ? बुलडोजर क्या रहस्य मिटाने के लिए चलाया गया ? अब सबूत कहां से मिलेंगे ? सिर्फ दोस्त की चैट और एक नये कर्मचारी के बयान हैं जिनसे कुछ मदद मिल रही है !
सवाल फिर वही कि क्या कंजन पूजन सिर्फ एक परंपरा मात्र है ? इसका हमारी संस्कृति पल अब कोई असर नहीं ? अंकिता जैसे कितने कांड पहले भी हो चुके और इनको रोकने में हमें सफलता नहीं मिल रही ।
कौन कौन कितने पानी
किसकी है पहचान हमें ...
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।