‘एनीमिया मुक्त, पोषण युक्त कैम्पस अभियान’ के दूसरे दिन लगभग 1,600 से अधिक छात्राओं व महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई

‘एनीमिया मुक्त, पोषण युक्त कैम्पस अभियान’ के दूसरे दिन लगभग 1,600 से अधिक छात्राओं व महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू में जारी स्वास्थ्य जागरूकता और जांच अभियान ‘एनीमिया मुक्त, पोषण युक्त कैम्पस अभियान’ के दूसरे दिन एनीमिया के मामलों को कम करने तथा पौष्टिक एवं संतुलित भोजन के महत्व बारे जागरूकता की अलख जगाई गई।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि एनीमिया मुक्त, पोषण युक्त कैम्पस अभियान स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएगा और भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इस स्वास्थ्य अभियान को स्केल, स्कोप तथा डिजिटल हेल्थ ट्रेकिंग के एकीकरण के मामले में एमडीयू की अनूठी पहल बताया।

इस अभियान के कंवीनर इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंसेज के निदेशक प्रो. मुनीष गर्ग ने बताया कि इस अभियान में दूसरे दिन विभागों एवं कार्यालयों में छात्राओं, शिक्षकों और महिला कर्मियों ने अपने स्वास्थ्य की जांच करवाई। जांच के साथ-साथ एनीमिया के लक्षण, इसके कारण और बचाव के उपायों बारे भी बताया गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दूसरे दिन लगभग 1,600 से अधिक छात्राओं, महिला शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों की स्वास्थ्य जांच हुई। स्वास्थ्य विभाग और काएनोस अस्पताल के डॉक्टरों की 17 टीमों ने यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल सहित विवि के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों में छात्राओं, महिला शिक्षकों और महिला कर्मियों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की। जिसमें हीमोग्लोबिन की जांच, ब्लड ग्रुपिंग, बीएमआई मेजरमेंट, ब्लड प्रेशर जांच तथा रैंडम ब्लड शुगर जांच की गई।

प्रो. मुनीष गर्ग ने बताया कि एकत्र किए गए डेटा को प्रत्येक छात्र के पोर्टल में अपडेट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2025 की थीम- स्वस्थ शुरुआत, आशावादी भविष्य से जुड़ा है।