हिंदू कॉलेज में 'भारतीय साहित्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा में मानवाधिकार' पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन 

शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 'भारतीय साहित्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा में मानवाधिकार' विषय पर हिन्दू कॉलेज, अमृतसर, पंजाब, हिंदी-विभाग एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन  हुआ। 

हिंदू कॉलेज में 'भारतीय साहित्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा में मानवाधिकार' पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन 

अमृतसर:  शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में 'भारतीय साहित्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा में मानवाधिकार' विषय पर हिन्दू कॉलेज, अमृतसर, पंजाब, हिंदी-विभाग एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद, पंजाब इकाई के संयुक्त तत्वावधान में हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन  हुआ। 

हिंदू कॉलेज की प्रबंधकृर्ति समिति के अध्यक्ष  प्रदीप मेहरा,  सचिव आर.के. गुप्ता,  वित सचिव श्री रविकांत अरोड़ा, निदेशक महोदय डॉक्टर राकेश जोशी, प्रो. संजय खन्ना, रजिस्ट्रार डॉ विजय कुमार, संयोजक डॉक्टर दीप्ति ने  प्रो. मुख्य अतिथि डॉ. कुंवर विजय प्रताप सिंह, अतिथिगण  प्रो. (डॉ.) नीलम राठी,  (डॉ.) सुनील,  शैल अग्रवाल तथा प्रो. (डॉ.)  मधु संधु का हार्दिक अभिनंदन किया। 

सहसंयोजक डॉक्टर वाणी अरोड़ा ने उद्घाटन सत्र में सभी गणमान्य अतिथिगण का परिचय करवाते हुए उनका हार्दिक स्वागत किया। 

संयोजक डॉक्टर दीप्ति ने संगोष्ठी के प्रस्तुत विषय के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।  

मुख्य अतिथि डॉ. कुंवर विजय प्रताप सिंह ने 'भारतीय साहित्य एवं भारतीय ज्ञान परंपरा में मानवाधिकार' विषय पर विचार-विमर्श किया।  संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के पश्चात दो ऑनलाइन और ऑफलाइन तकनीकी सत्रों में देश और विदेश के अनेक प्रोफेसर शिक्षाविद और साहित्यकार  सम्मिलित हुए, जिनमें विदेशों में ब्रिटेन से डॉ. तेजेंद्र शर्मा , कनाडा से डॉ. हंसादीप, यूक्रेन से डॉ. यूरी  बोत्वींकिन, चीन से डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, केरल से प्रो. प्रमोद कोवप्रत,   भारत देश के धर्मशाला हिमाचल प्रदेश से डॉ. संजीव कुमार,  बिहार से डॉ. अनामिका सिंह तथा पंजाब प्रांत से जालंधर से प्रो. विनोद कुमार, दीनानगर से डॉ. पूनम महाजन, अमृतसर से डॉ. संजय चौहान, कपूरथला से डॉ. कुलविंदर कौर, धारीवाल गुरदासपुर से डॉ. पवन कुमार, फगवाड़ा कपूरथला से डॉ. नीलू शर्मा -इन देश विदेशों से जुड़े विद्वानों ने संगोष्ठी का अभिन्न अंग बनकर इसे  समृद्ध करते हुए  प्रस्तुत विषय पर सूक्ष्म दृष्टि डालते हुए अनेक आयामों से परिचित करवाया।   इस सम्मेलन के दौरान संगोष्ठी संयोजक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति की संपादित पुस्तक 'अंतरजाल की दुनिया में डॉक्टर मधु संधु' का विमोचन भी हुआ।  

इस संगोष्ठी में  शिक्षाविदों, राजभाषा अधिकारियों और प्रसिद्ध साहित्यकारों ने संगोष्ठी का अंग बनकर इसकी शोभा बढ़ाई। संगोष्ठी में डॉ. नेहा सेठी, डॉ. प्रियंका महाजन,   डॉ. वाणी अरोड़ा, श्रीमती अनु कंधारी, डॉ. सेरिश खेड़ा ने मंच संचालन का बखूबी दायित्व निर्वहन किया।  

डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. कृष्ण कुमार, श्रीमती इशू तथा साहिल  ने ऑनलाइन तकनीकी सत्रों का संचालन किया। संगोष्ठी सह सचिव डॉ. विशु मेहरा और डॉ. विशाल अरोड़ा, वित्त सचिव डॉक्टर सेरिश खेड़ा, स्क्रीनिंग कमेटी की मनमीत, चाहत, महक और प्रशासनिक विभाग के श्री संदीप मिश्रा ने तकनीकी सहायक तथा हिंदी विभाग के छात्रों में विशेषतया- दिया गिल, नैंसी, पायल, दान्या, नित्या, स्नेहा, रिदम, महक, अनमोल ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया।  

इस संगोष्ठी के समापन सत्र में कॉलेज के रजिस्ट्रार डॉ विजय कुमार  ने संगोष्ठी में सम्मिलित संकाय सदस्यों, राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय मुख्य वक्तागण, अतिथि गण, शोधार्थियों और छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने संगोष्ठी संयोजक डॉक्टर दीप्ति  को संगोष्ठी के सफलतापूर्वक समापन की हार्दिक बधाई दी।