कविता कथा कारवाँ के तहत पाँच दिन तक आयोजित किए गए अंतर्राष्ट्रीय बैसाखी लिट्रेरी फैस्ट का समापन
क़ुदरत और वातावरण के साथ जुड़ना और आपसी प्यार को बढ़ाना ही समय की ज़रूरत है-जसविन्दर भल्ला
कविता कथा कारवाँ संस्था की ओर से सफलतापूर्वक आयोजित पाँच दिनों तक चलने वाले,अंतर्राष्ट्रीय अॉनलाइन बैसाखी फैस्ट का समापन हुआ।कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में जुड़े पंजाबी फ़िल्म जगत के प्रख्यात कॉमेडियन डॉ जसविंदर भल्ला ने कहा कि इस वैश्विक आपदा के समय संस्था ने समाज को जोड़ने व पर्यावरण के कल्याण हेतु जो क़दम उठाया है इसके लिए संस्था की प्रेसिडैंट व समस्त सदस्य बधाई के पात्र हैं।पहले दिन के कार्यक्रम की प्रधानता पाकिस्तानी पार्लियामैंट की पूर्व मैंबर व मशहूर लेखिका बुशरा हज़ीन ने की व कार्यक्रम का आग़ाज़ सी टी यूनीवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ जगतार धीमान ने अपनी कविता से किया।
पाँच दिवसीय इस आयोजन में भिन्न -भिन्न शहरों, राज्यों,देशों व विदेशों के कवियों , कवयित्रियों, गायकों व बुद्धिजीवियों ने आज के हालातों को मद्देनज़र रखते हुए कविताओं व शायरी की मार्फत अपनी शिरकत करी।
इस मुहिम की मुख्य कवि -कवयित्रियाें में पाकिस्तान से बुशरा हज़ीन,राजवंत राज,कनाडा, जगपाल सिंह संधू(कैनेडा),त्रिलोचन लोची, गुरसेवक सिंह, परविंदर सिंह,मंजीत कौर धीमान ,मंजीत इंदिरा, विभा कुमरिया शर्मा, रश्मि अस्थाना,परमजीत कौर महक, सरिता जैन, वरुन आनंद , सुमन शर्मा, अनु शर्मा,अनु पुरी, सतविन्दर सुखी,जतिन्दर कौर संधू, परमजीत देओल कनाडा,धर्मेंद्र शाहिद, सहजप्रीत मांगट, ज्योति बजाज ने अपनी कविताओं से समा बाँध दिया। विद्याशास्त्री
डॉ जगतार धीमान, प्रो.तिलक सेठी,सीमा जैन, डॉ नदीम अहमद, त्रिलोचन सिंह महाजन ने भी समसामयिक हालातों पर अपने प्रभावपूर्ण विचार रखे।फ़िल्मकार अनिरबान भट्टाचार्य,अमित जिंदल, अरिंदम राय,डॉ जस कोहली ने आज के हालातों से बचाव के उपाय बताए।
कविता कथा कारवाँ संस्था की प्रैसीडैंट जसप्रीत कौर फलक ने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह के सृजनात्मक कार्यक्रम करवाए जाएँगे जिससे सामूहिक प्रतिभागिता के साथ -साथ युवा सृजनशील पीढ़ी की हिस्सेदारी भी रहेगी।