विनिर्माण और निर्यात इकाई को खोलना सबसे उपयुक्त और स्वागत योग्य : शरद कुमार सराफ, फियो अध्यक्ष
यह फैसला धीरे-धीरे विनिर्माण के लगभग 80-85 फीसदी को खोलने में मदद करेगा
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा आज संशोधित दिशानिर्देशों का स्वागत करते हुए जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों (नगर निगम सीमा के बाहर), ईओयू, एसईजेड, औद्योगिक टाउनशिप और औद्योगिक संपदा में मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को खोलने की इजाजत दी गई है, श्री शरद सराफ ने कहा कि यह फैसला धीरे-धीरे विनिर्माण के लगभग 80-85 फीसदी को खोलने में मदद करेगा और इससे निर्यात के लिए आपूर्ति एवं मैन्यूफैक्चरिंग को वापस लाने में मदद मिलेगी। इससे विश्व को एक बहुत ही सकारात्मक संकेत मिलेगा कि भारत अपने शुरुआती उपायों के माध्यम से कोविड-19 को रोकने में कामयाब हो रहा है।
फियो अध्यक्ष ने कहा कि यह उन प्रवासी श्रमिकों के लिए एक मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन होगा जो विस्तारित लॉकडाउन के साथ हताश हो रहे थे और देश के उत्पादन में योगदान करने के लिए उन्हें अब बस कुछ दिन ही इंतजार करना होगा। इस फैसले से उद्योग को भी राहत मिली है क्योंकि उत्पादन शुरू होने के साथ मजदूरी और अन्य शुल्कों का बोझ उन पर कम पड़ेगा।
श्री सराफ ने कहा कि निर्यात प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज काफी महत्व रखते हैं और इन दस्तावेजों को लाने एवं ले जाने के लिए निर्यात करने वाली कंपनियों (आयातक निर्यातक कोड संख्या) को सप्ताह में एक दो व्यक्तियों के लिए कार्यालय से दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी जा सकती है। बैंकों, शिपिंग लाइनों, कूरियर कंपनियों आदि के निर्यात चक्र को निर्यात भुगतानों की प्राप्ति के साथ पूरा किया जाता है, जिसके लिए कार्यालय खोलने की आवश्यकता होती है, अन्यथा भुगतान की चुनौती होने से नकदी की कमी होने से मंदी और दिवालिया होने का खतरा बढ़ जाएगा। (14/04/20)