जीवन में आशावादी सोच, सकारात्मक मनोवृति, परोपकारी कर्म करते हैं खुशी का रास्ता प्रशस्तः प्रो. दीप्ति हुड्डा
“बिल्डिंग जॉयः कल्टीवेटिंग हैप्पीनेस इन एवरीडे लाइफ” विषयक कार्यशाला आयोजित।
रेवाड़ी, गिरीश सैनी। जीवन में आशावादी सोच, सकारात्मक मनोवृति, परोपकारी कर्म खुशी का रास्ता प्रशस्त करते हैं। जरूरत है कि बिहेवियर, माइंडसेट तथा एटीट्यूड को हैप्पीनेस उन्मुख रखा जाए। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. दीप्ति हुड्डा ने के.एल.पी. कॉलेज, रेवाड़ी में “बिल्डिंग जॉयः कल्टीवेटिंग हैप्पीनेस इन एवरीडे लाइफ” विषयक कार्यशाला में बतौर विशेषज्ञ वक्त ये विचार साझा किए।
प्रो. दीप्ति हुड्डा ने सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. अमृता यादव के साथ इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को खुशहाली और आनंद के विविध पहलुओं पर ओरिएंट किया। प्रो. दीप्ति हुड्डा ने जीवन में सामाजिक-आर्थिक तुलना से बचने तथा आभार (ग्रेटीट्यूड) के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, प्रो. अमृता यादव ने जीवन में खुशी तथा आनंद प्राप्त करने के लिए जरूरी क्रियाकलापों बारे बताया।
कार्यशाला की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्या डॉ. कविता गुप्ता ने की। मंच संचालन डॉ. पूजा यादव ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ. मनदीप शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यशाला में कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक एवं कॉलेज विद्यार्थी शामिल हुए।