ओजोन केवल एक परत नहीं, जीवन का सुरक्षा कवच हैः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि ओजोन परत केवल एक सामान्य परत नहीं है, बल्कि जीवन का सुरक्षा कवच है। ओजोन है तो ही पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित है अन्यथा सब नष्ट हो जाएगा। पृथ्वी पर जीवन को बचाना है तो ओजोन परत को बचाना ही होगा। कुलपति गुजवि तथा लद्दाख विश्वविद्यालय, लद्दाख के संयुक्त तत्वावधान में विश्व ओजोन दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को बतौर मुख्यातिथि ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। लद्दाख विश्वविद्यालय में ‘जलवायु परिवर्तन के बदलते परिदृश्य में हिमालय का पर्यावरण’ विषय पर हुई इस संगोष्ठी का समापन संबोधन कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने दिया।
गुजवि तथा लद्दाख विश्वविद्यालय के बीच गत जून माह में विशेषकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मिलकर कार्य करने का समझौता भी हुआ था। इस संगोष्ठी में जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरमेंट अल्मोड़ा, हेडलबर्ग युनिवर्सिटी जर्मनी, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट नई दिल्ली तथा सीएसआईआर जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद की भी सहभागिता रही।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि ओजोन परत में लगातार बढ़ते छेद के कारण जलवायु में खतरनाक रूप से परिवर्तन हो रहा है। पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। लगातार सूखा या बाढ़ आ रही है। स्वास्थ्य तथा कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि गुजवि लगातार पर्यावरण संरक्षण के कार्य कर रही है। ओजोन फ्रैंडली शिक्षण तथा शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रो. छोकर ने बताया कि संगोष्ठी के दौरान गुजवि तथा लद्दाख विश्वविद्यालय ने ओजोन दिवस के उपलक्ष्य पर एक संयुक्त कार्यक्रम का आयोजन भी किया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना तथा विशेषकर हिमालय क्षेत्र के पर्यावरण की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करना था। संगोष्ठी में दुनिया भर से 300 से भी अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस संगोष्ठी में प्रो. आशा गुप्ता, प्रो. राजेश लोचब तथा प्रो. अनिल भानखड ने ऑफलाइन तथा डॉ. अनीता किरोडिया व डॉ. संतोष भुक्कल ने ऑनलाइन माध्यम से वक्तव्य दिए। गुजवि के 19 शोधार्थियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।