अभिभावक अपने बच्चों को अवश्य पिलाएं पोलियो दवा: अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह
कहा, हाई रिस्क क्षेत्रों पर किया जाएगा विशेष फोकस।
रोहतक, गिरीश सैनी। अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने जिलावासियों का आह्वान करते हुए कहा है कि वे नेशनल पल्स पोलियो अभियान के दौरान अपने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चे को पोलियो टीकाकरण की दवा अवश्य पिलाए।
अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने बताया कि पोलियो एक संक्रामक रोग है जो पोलियो विषाणु से मुख्यत: छोटे बच्चों में होता है। यह बीमारी बच्चे के किसी भी अंग को जिन्दगी भर के लिये कमजोर कर देती है। बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है। पोलियो विषाणु के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम व पल्स पोलियो अभियान के अन्तर्गत पोलियो वैक्सीन की खुराक दी जाती है। ये सभी खुराक 5 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये अत्यंत आवश्यक है। बार-बार और एक साथ खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र के 5 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों में इस बीमारी से लड़ने की एक साथ क्षमता बढ़ती है और इससे पोलियो विषाणु को किसी भी बच्चे के शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलेगी।
अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पल्स पोलियो वाले दिन सभी आंगनबाड़ी केंद्र प्रात: 8:30 बजे खोल दिए जाएं ताकि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपना बूथ समय पर तैयार कर सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीडीपीओ सहित विभाग के अधिकारी उस दिन राउंड पर रहे। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान को लेकर अच्छे से मुनादी करवाई जाए। इसी प्रकार से स्कूलों में प्रार्थना के समय बच्चों को इस अभियान की जानकारी दी जाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सभी क्लिनिकों के बाहर अभियान बारे बैनर लगाए जाए।
उन्होंने जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक को ईंट-भट्ठों पर रहने वाले 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार जिला रेड क्रॉस सोसाइटी को समाज सेवी संस्थाओं की सूची प्रदान करने की निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोलियो की दवा पिलाने के दिन बची हुई वैक्सीन आंगनबाड़ी केंद्रो अथवा सामान्य फ्रिज में न रखी जाए, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उन्हें अपने साथ वापस लेकर आए। उन्होंने कहा कि सामान्य फ्रिज में इस वैक्सीन को रखना खतरनाक साबित हो सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त वैशाली सिंह ने बताया कि जिला में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की अनुमानित संख्या 123293 है। उन्होंने बताया कि दवा पिलाने के लिए 628 स्थाई बूथ बनाए गए हैं जबकि ट्रांजिट बूथों की संख्या 32 है। इसके अलावा 46 मोबाइल बूथ सक्रिय रहेंगे। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्रों से विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा में जनवरी 2010 के बाद से कोई पोलियो केस नहीं हुआ है और भारतवर्ष में जनवरी 2011 से पोलियो का कोई केस नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष 11 फरवरी 2014 को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया है, परन्तु भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो के केस मिल रहे है। भारत में कोई भी पोलियो केस न हो, इसलिए बार-बार अभियान चलाकर दवा पिलाई जाती है।
एडीसी वैशाली सिंह ने बताया कि जिला के हाई रिस्क एरिया जैसा कि भट्टे, डेरे, फैक्ट्रियां, राईस मिल्स, स्लम एरिया, नोमेड्स (झुग्गी-झोपड़ी) में रह रहे बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलाने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा, क्योंकि ऐसी जगह पोलियो फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों व बस स्टैंड पर पोलियो बूथ बनाए गए हैं ताकि बाहर से आने वाले बच्चों को भी पोलियो की बूंदें पिलाई जा सके।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला, जिला टीकाकरण अधिकारी अनिलजीत त्रेहान, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, महिला एवं बाल विकास अधिकारी दीपिका सैनी, जिला मौजिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह, डॉ. प्रतिभा, लाखनमाजरा की एसएमओ डॉ. रनवी सिंह, डॉ. हेमेंत कुमार, डॉ. जीडी शर्मा, डॉ. शिवानी, डॉ. कुलदीप, डॉ. विवेक, डॉ. रेनू, राजकुमार मोर, सुरेंद्र राणा, अश्वनी चहल, संजीव मलिक, डीएफएससी वरिंद्र सिंह व डॉ. रविंद्र आदि मौजूद रहे।