किसान आंदोलन ऐतिहासिक संघर्ष बना
हमे नहीं चाहिए यह तीन कानून की सौगात: योगेंद्र यादव
-कमलेश भारतीय
अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा की बात सदस्यीय राष्ट्रीय समिति के सदस्य योगेंद्र,यादव ने दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को ऐतिहासिक किसान संघर्ष करार दिया है । उन्होंने कहा कि तेरह तारीख को लोहड़ी के अवसर पर इन कानूनों की प्रतियां जलाई जायेंगी । इससे पहले भी किसान आंदोलन समय-समय पर होते रहे लेकिन यह बहुत बड़ा जनांदोलन बन गया ।
योगेंद्र यादव स्थानीय जाट धर्मशाला में मीडिया के रूबरू हो कर ये बातें कर,रहे थे । किसानों पर हरियाणा सरकार दमन की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और हरियाणा के किसानों के हौंसले और,योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा करते किसी प्रकार की हिंसक कार्रवाई से दूर रहने का आग्रह किया । उन्होंने चेतावनी देते कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर जी आप या तो कुर्सी चुन लो या फिर किसान हितैषी बनो । यदि किसान का साथ दोगे तो किसान आपको माफ नहीं करेंगे । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के इंतजार के बाद ही कोई टिप्पणी करने की बात कही ।
उन्होंने इस बात का जवाब दिया कि वे किसान ही नहीं हैं तो उन्होने कहा कि मेरी हरियाणा के गांव में जमीन है और मैं हरियाणा का निवासी हूं । हमने तो किसानों के साथ महाराष्ट्र में भी जल हल यात्रा की । इसके अतिरिक्त अनेक किसान आंदोलन में भाग लिया और उनके संघर्ष में साथ दिया । अकाली मंत्री हरसिमरत ने इस्तीफा दिया नहीं बल्कि किसानों के दवाब में पड़ा जबकि कानून पारित होने तक हरसिमरत मंत्री पद पर क्यों रही? मुख्यमंत्री घोषणाओं के लिए महा पंचायत करने जा रहे थे । आंदोलन को बदनाम करने की कोशिशें बेकार हो रही हैं । अम्बानी और पतंजलि के प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार का फैसला लिया गया है लेकिन प्रदर्शन या तोड़ फोड़ का कोई आह्वान नहीं किया ।
इस अवसर पर वीरेंद्र वागौरिया , युद्धवीर सिंह अहलावत, दीपक लाम्बा , रणदीप लोहचब , करतार सिंह सिवाय आदि मौजूद थे ।