समाचार विश्लेषण/कुंभ मेले वाले कल से बिछुड़ जायेंगे
-कमलेश भारतीय
कोरोना के दोबारा सिर उठाने पर इसका साया या दुष्प्रभाव हरिद्वार के कुंभ मेले पर भी पड़ना स्वाभाविक था । पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इसे कुंभ बनाम मरकज करार देते कहां कि कुछ नहीं होगा । यह खुले में स्नान है जबकि मरकज एक कमरे या हाॅल में हो रहा था पर कोरोना ने यह तर्क नहीं माना और इस तरह मध्य प्रदेश से आए निर्वाणी अखाड़े के महाणंडलेश्वर कपिल देव का कोरोना से संक्रमित होने से निधन हो गया । वे मध्य प्रदेश के चित्रकूट से आए थे । इस तरह कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजन ने 17 अप्रैल यानी कल होने वाले शाही स्नान के बाद कुंभ समापन की घोषणा कर दी । यह बड़ी राहत की बात है लेकिन कुंभ मेला अभी 27 अप्रैल तक चलने वाला है । इसी बीच उत्तराखंड में दो हजार से ऊपर कोरोना पाजिटिव केस आए हैं ।
कुंभ हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है । इसके बावजूद कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए इसे आयोजित करने से पहले गंभीर विचार करना चाहिए था लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री अति उत्साही हैं और नये नये बयान देते हैं । फटी जींस का बयान इनके मुखारविंद से सबसे पहला बयान आते ही धूम मच गयी थी कि हां नये मुख्यमंत्री आ गये हैं । अब कुंभ मेले की मरकज से तुलना कर इसे आयोजित कर फिर कोरोना को फैलने का पूरा प्रबंध कर दिया । देश में दो जगह से कोरोना पूरे ज़ोर से फैलने की आशंका जताई जा रही है। पहली पश्चिमी बंगाल के विधानसभा चुनाव के प्रचार से और दूसरे हरिद्वार के कुंभ मेले से । अभी भी शेष संतों को इस कुंभ मेले को समाप्त करने की घोषणा कर देनी चाहिए नहीं तो दस दिन तक यह संक्रमण और बढ़ने की आशंका है । पहले ही सोशल मीडिया पर आ रही है एक मज़ेदार बात कि सरकार बढ़ते कोरोना को देखते इस बार रामायण या महाभारत की बजाय गरूड़ पुराण का प्रसारण करवाना ताकि सब योनियों के बारे में जानकारी मिलने पर कुछ भय कोरोना का उपजे ।
इधर हिमाचल में भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है । एक खबर के अनुसार सैलानियों को तरस रहा है हिमाचल का पर्यटन उद्योग । शिमला, मनाली , कुल्लू , डल्हौजी और धर्मशाला सब जगह रूम इंक्वायरी नहीं आ रही । पर्यटन उद्योग एक बार फिर पूरी से उतर गया है हिमाचल का । सभी बुकिंग कैन्सिल होने लगी हैं । होटल व्यवसायियों का कहना है कि ऐसी स्थितियों में होटल चलाना मुश्किल है ।
यही स्थिति जम्मू कश्मीर और मसूरी में भी होगी जहां पर्यटन ही मुख्य उद्योग है । कोरोना के चलते प्रवासी मजदूरों के पलायन के दृश्य फिर से देखने को मिल रहे हैं खास तौर पर मुम्बई में । प्रवासी मजदूर फिर बदहवास हैं और जल्द से जल्द गांव/देस पहुंचने की फिक्र और फिराक में हैं । चाहे कितना किराया कोई वसूल ले । एक बार फिर आर्थिक संकट आयेगा फैक्ट्रियों पर । काम धंधे ठप्प होने लगे हैं। ऐसे में मुम्बई में धार्मिक स्थल भी बंद रखने के आदेश जारी किये गये हैं । सबसे बड़ी बात कि धार्मिक आस्था और कुंभ से बचते हुए जीवन को बचाना जरूरी है । यही संदेश निकल रहा है । बाकी कोई समझे या न समझे ।