फार्मा इंडस्ट्री एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा
रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मासुयटिकल साइंसेज विभाग द्वारा सोमवार को स्वराज सदन में चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनोमिक एंड सोशल चेंज के सहयोग से- चैलेंजस एंड आपरच्यूनिटीज इन फार्मासुयटिकल इंडस्ट्री विषयक सात दिवसीय दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर कम लाइंसेंसिंग अथारिटी, एफडीए, हरियाणा सरकार मनमोहन तनेजा ने बतौर मुख्यातिथि इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शिरकत की। उन्होंने अपने प्रभावी संबोधन में कहा कि फार्मा इंडस्ट्री एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने इस क्षेत्र की चुनौतियों और उनके पार पाने का समाधान बताते हुए कहा कि इन्नोवेटिव एप्रोच, जीएमपी अनुपालन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसमें मददगार साबित हो सकती हैं।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने प्रेरणादायी संबोधन से विद्यार्थियों को मोटीवेट किया। उन्होंने फार्मा इंडस्ट्री के साथ परस्पर सहयोग की आवश्यकता एवं जरूरत पर बल देने की बात कही। कुलपति ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए फार्मासुयटिकल साइंसेज विभाग तथा चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने फार्मा इंडस्ट्री की महत्ता को रेखांकित करते हुए विभिन्न इंडस्ट्रीयल मॉडल बारे बताया। डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने दवाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण नियामक चुनौतियों की जांच करने की आवश्यकता पर बल देने की बात कही।
लार्क लैबोरेट्रीज लि. के एमडी डा. अपराजिता कटियार ने बतौर की-नोट स्पीकर विद्यार्थियों को अपने जीवन की चुनौतियों से प्रेरित किया और इंडस्ट्री में सफलता के लिए डाटा इंटीग्रेटी तथा लर्निंग एटीट्यूड की महत्ता बारे बताया।
फैकल्टी ऑफ फार्मासुयटिकल साइंसेज के डीन प्रो. हरीश दूरेजा ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया तथा कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट की निदेशिका प्रो. सोनिया मलिक ने उद्घाटन भाषण देते हुए कार्यशाला आयोजन के उद्देश्य बारे प्रकाश डाला। आयोजन सचिव डा. पी.के. वर्मा ने आभार प्रदर्शन किया। डा. वंदना गर्ग ने मंच संचालन किया।
इस दौरान फार्मासुयटिकल साइंसेज विभाग के प्राध्यापक प्रो. बी. नरसिम्हन, प्रो. मुनीष गर्ग, प्रो. आर.के. मरवाह, प्रो. विकास बुधवार, प्रो. अंजू धीमान, डा. विनित मित्तल, डा. अनुराग खटकड़, डा. सलोनी, डा. महेश कुमार समेत ड्रग कंट्रोलर अधिकारी, शोधार्थी, विद्यार्थी तथा प्रतिभागी मौजूद रहे।