ब्राजील से आई पीएचडी स्कॉलर ने बीपीएस महिला विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों व विद्यार्थियों से किया संवाद
ब्राजीलियाई और भारतीय लोक साहित्य व संस्कृति सहित अन्य विषयों पर की चर्चा।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां के अंग्रेजी विभाग में अकादमिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में ब्राजील के साओ पाउलो विश्वविद्यालय की पीएचडी स्कॉलर सुश्री ताइस लीएटे डी मौरा ने विभाग के शिक्षकों, शोधार्थियों व विद्यार्थियों से संवाद किया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ अजीत सिंह ने बताया कि सुश्री ताइस का शोध हिंदू पौराणिक कथाओं, प्रवासी भारतीयों और भारतीय महिला पर केंद्रित है। महिला शिक्षा व सशक्तिकरण के क्षेत्र में बीपीएस महिला विश्वविद्यालय की ख्याति के चलते सुश्री ताइस ने यहां विजिट कर शिक्षकों व छात्राओं के साथ संवाद करने का आग्रह किया, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन व अंग्रेजी विभाग ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। वे अपने शोध कार्य के लिए बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली में आई हुई हैं। सत्र के पहले दिन अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापकों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने अपने शोध के विषय पर चर्चा की। वे "ए प्रिज्मैटिक मिथ: द डायस्पोरिक प्रस्पेक्टिव इन द री-राइटिंग ऑफ हिंदू एपिक बाय कंटेंपरेरी इंडियन एंग्लोफोन राइटर्स " विषय पर शोध कर रही हैं।
संवाद सत्र के दूसरे व तीसरे दिन सुश्री ताइस ने विभाग के शोधार्थियों तथा स्नातक व स्नातकोत्तर छात्राओं के साथ बातचीत करते हुए अपने शोध का व्यापक अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने भारतीय महाकाव्यों, विशेषकर महाभारत और रामायण के समकालीन पुनर्लेखन के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने छात्राओं को ब्राजीलियाई लोक साहित्य और भारतीय लोक साहित्य से इसकी भिन्नताओं से अवगत कराया। सत्र उपरांत शोधार्थियों व छात्राओं ने उनके वर्तमान शोध, संस्कृति और कार्यप्रणाली के बारे में प्रश्न भी पूछे। विभाग के प्राध्यापकों ने भी सुश्री ताइस से अपनी अंतर्दृष्टि, सुझाव और विचार साझा किए।
डीन, कला एवं भाषा संकाय प्रो अशोक वर्मा तथा अंग्रेजी विभाग की अध्यक्षा डॉ गीता फोगाट ने इस सत्र के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह शैक्षणिक व सांस्कृतिक विचार-विमर्श सत्र छात्राओं के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा। सुश्री ताईस ने इस विजिट के लिए अंग्रेजी विभाग और महिला विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस दौरान अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।