नवसंवत्सर पर सर्वोदय भवन में काव्य गोष्ठी
कभी फोन पर ही मिलो ज़िंदगी मीत तुमसे बतियाये गये बहुत दिन बीत
-कमलेश भारतीय
हिसार: नवसंवत्सर के अवसर पर स्थानीय सर्वोदय भवन में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें काव्यमयी शुभकामनाएं दी गयीं । प्रारम्भ में धर्मवीर ने सर्वोदयी प्रार्थना की । काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ रचनाकार डाॅ राधेश्याम शुक्ल ने की तो प्रभावशाली संचालन सत्यपाल शर्मा ने किया । युवा कवि जगदीश श्योराण ने नववर्ष पर कहा :
फसल कटे, आई बैसाखी
सबका मन हर्षित है ....
बनी सिंह जांगड़ा ने कहा :
हर्षित नाचें , झूमे गायें
वेदगान साकार बनायें ....
पी पी शर्मा का कहना था :
क्रोध को पीना , दर्द को सहना
जिसने सीखा ....
नरेश शर्मा ने शुभकामना देते कहा :
मन में लेकर प्रेम और अनुराग
नववर्ष पर नमन् करता हूं मैं ....
हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय ने अपने सादे से गांव को याद करते कहा :
अब न रही हवेली
और न रही गांव तक
जाने वाली पगडंडी
पर हमेशा मेरे दिल में है
मेरा वह सादा सा गांव
वरिष्ठ गीतकार सतीश कौशिक ने व्यंग्य में सुनाया :
बेईमान बहुत होंगे
इस बस्ती में
तुमसा बेईमान कहां है
कौशिक जी ....
काव्य गोष्ठी को संपन्न करते हुए डाॅ राधेश्याम शुक्ल के गीत की ये पंक्तियां बहुत सराही गयीं :
कभी फोन पर ही मिलो
जिंदगी मीत
तुमसे बतियाये हुए
गये बहुत दिन बीत ....
लगभग डेढ़ घंटे तक चली गोष्ठी बहुत देर तक याद रहेगी । गोष्ठी में रामलाल पाहुजा, वीरेंद्र कौशल, शुभकरण गौड़, रत्न अग्रवाल, धर्मवीर आदि मौजूद रहे ।