राजनीति, खेल और विनेश

राजनीति, खेल और विनेश

-*कमलेश भारतीय
विनेश फौगाट अब राजनीति के केंद्र में है यानी अब विनेश न चाहते भी राजनीति की केंद्र हो गयीं । वैसे जिन दिनों वह कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के यौन शोषण की चर्चाओं के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर दूसरे पहलवान  साथियों के साथ बैठी थीं, राजनीति तब से उनके साथ आ खड़ी हुई थी । भाजपा ने तब यह आरोप लगाया था कि यह धरना राजनीति प्रेरित है और इसके पीछे कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने जवाब दिया था कि क्या हम हरियाणा की बेटियों के साथ हो रहे इस घटनाक्रम का विरोध न करें? ये बेटियां हमारा मान है, सम्मान हैं, हम इनकी रक्षा करेंगे । विनेश का पुलिस द्वारा सड़क पर घसीटा जाने तब सुर्खियों में रहा था । अब भी यह फोटो फिर से वायरल हो रहा है सोशल मीडिया में ! 
 विनेश हरियाणा की चर्चित फौगाट बहनों में से एक हैं। सबके कोच महावीर फौगाट, जिन्होंने अपनी बेटियों को न जाने कितने बोल कुबोल सुनकर छोटे कपड़ों में अखाड़े में उतारकर इतिहास रच दिया ! आमिर खान ने इनके ऊपर 'दंगल' फिल्म बना कर हरियाणा की इन पहलवान छोरियों से देश तक पहुंचाया ! इस तरह चर्चा में फौगाट बहने निरंतर रहती हैं । बबिता फौगाट व उनके पिता महावीर फौगाट ने सन्‌ 2019 में भाजपा ज्वाइन कर ली और बबिता फौगाट विधानसभा चुनाव भी लड़ी लेकिन राजनीति में सफलता नहीं मिली, न दंगल फेम का प्रचार काम आया, न ही अखाड़े के दांव राजनीति में चले ! पर परिवार राजनीति से जुड़ गया, राजनीति में आ गया ! 
अब विनेश फौगाट चर्चा में है। चर्चा में इसलिए कि मात्र सौ ग्राम वजन बढ़ जाने से विनेश डिसक्वालीफाई कर दी गयी और उसे किसी भी पदक से भी वंचित कर दिया गया। सारा देश‌ के लोगों की आंखें विनेश के दुख में आंसुओं से भर गयीं। देश विनेश के पीछे लेकिन राजनीति उससे आगे ! विनेश ने दुख में कुश्ती से संन्यास लेते कहा-मां, मैं हार गयी, कुश्ती जीत गयी ! पर लगताहै, जहां विनेश कुश्ती से सारी, वह राजनीति में पहुंच गयी, न चाहते हुए भी ! आज वह हरियाणा की राजनीति के केंद्र में है,  जब मनु भाकर नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर आशीर्वाद लेने पहुंची तब मीडिया से श्री हुड्डा ने कहा कि यदि विनेश फौगाट को भाजपा की हरियाणा सरकार सम्मान देना चाहती है तो उसे राज्यसभा में भेजे, हम इसका समर्थन करते हैं ! इसके जवाब में भाजपा ने महावीर फौगाट, गीता फौगाट व बबिता फौगाट को आगे कर दिया और यह परिवार यह आरोप लगाते सामने आया कि जब उनका राज था, तब बबिता को डीएसपी क्यों नहीं बनाया? मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी तुरंत मनु भाकर और सरबजोत सिंह  को चंडीगढ़ आमंत्रित कर सम्मानित तो किया ही, खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पदो़ं की पेशकश भी कर दी । इसे कहते हैं डैमेज कंट्रोल, जिस सरकार ने पदक लाओ, पद पाओ की नीति ही रद्दी की टोकरी में फेंक दी थी, अब वह दो निशानेबाजों को पद ऑफर कर रही है यानी मौके पे चौका लगाने से नहीं चूके ! अब यह राजनीति ही तो हो रही है खिलाड़ियों के साथ ! सम्मान तक को तरसते रहे खिलाड़ी, अब याद आई उनकी ! मुक्केबाज बिजेंद्र को कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मथुरा से लोकसभा टिकट देने पर विचार ही कर रही थी कि बिजेंद्र को भाजपा लपक ले गयी, पर टिकट तो हेमामालिनी को ही दी और बिजेंद्र के सारे पंच बेकार हो गये । यह राजनीति में बिजेंद्र के साथ खेला हो गया, जैसे विनेश के साथ होने जा रहा है ! खिलाड़ियों में गौतम गंभीर के साथ खेला हुआ, सिटिंग एमपी के बावजूद टिकट सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी को दे दी गयी और गौतम को क्रिकेट टीम का हैड कोच बना कर एडजस्ट किया गया ! यह राजनीति है, भैया ! न यहां क्रिकेट का बल्ला धमाल कर पाता है, न ही कुश्ती का दा़ंव‌‌ चलता है और न ही मुक्केबाजी का पंच  काम आता है ! 
फिर चली बात, बात विनेश की 
बात विनेश की या राजनीति की? 

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ‌ अकादमी।