समाचार विश्लेषण/दिल्ली में प्रदूषण और कांग्रेस का स्वास्थ्य
कमलेश भारतीय की कलम से
नयी दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव से चिंतित डाॅक्टर्ज ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिल्ली से कुछ समय दूर रहने की सलाह दी है । वैसे तो कांग्रेस दिल्ली से दूर क्या, बाहर ही हो चुकी है । दिल्ली और केंद्र दोनों से बाहर । ऐसे में अध्यक्ष को भी बाहर जाने की सलाह दे दी गयी है । इन दिनों कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ती जा रही है । पहले कपिल सिब्बल, कार्ति और फिर चिदम्बरम् ने कांग्रेस हाई कमान पर सवाल उठाते हुए पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाये जाने और कार्यसमिति भी नये सिरे से गठित करने की मांग सार्वजनिक तौर पर उठाई । इस पर अधीररंजन चौधरी का जवाब और बचाव भी सामने आया । उन्होंने एक बहुत सारगर्भित सवाल पूछा कि ड्राइंग रूम में बैठ कर सवाल उठाना तो आसान है पर क्या एक वरिष्ठ कांग्रेसी होने के नाते आप बिहार में चुनाव में प्रचार पर गये थे ? नहीं । यही बात एक समय प्रियंका गांधी ने भी उठाई थी कि आलोचना करने वालों में कितने नेता प्रचार में साथ देते हैं ? यानी पकी पकाई खाने वाले नेताओं में शामिल हैं कपिल सिब्बल , पी चिदम्बरम् और कार्ति । यदि इनमें दम होता तो अपनी सीटें तो जीतते । और पूरा दबाब बना कर टिकटों हासिल की थीं । सिर्फ हाईकमान के दम पर टिकट और मंत्रिपद पाने वाले आज विश्लेषक भी बन गये । जब पी चिदम्बरम् जेल गये तो कौन मिलने जाता था? यही राहुल बाबा । फिर अब क्या हुआ ? कांग्रेस में हाईकमान का प्रभाव दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है । ऐसे समय में जब सोनिया गांधी का स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा ये नेता इस तरह के सवाल उठा रहे हैं । अभी गुलाम नवी आजाद कैसे खामोश हैं ? पूरे पच्चीस लोग हैं । अधीररंजन चौधरी ने तो साफ साफ कह दिया कि यदि किसी पार्टी में जाना चाहते हो तो चले जाओ । क्या कपिल सिब्बल, चिदम्बरम् और गुलाम नवी आजाद कोई प्रोग्राम बना रहे है पाला बदलने का ? बिहार चुनाव में हार मिली । सत्ता के निकट आते आते सत्ता हाथ से फिसल गयी । पर आपका तो विश्वास ही डगमगा गया । फिर विचार कीजिए और फैसला कीजिए । आलोचना कैसी ?
सोनिया गांधी तो गोवा या चेन्नई का रास्ता पकड़ लेंगीं । आप भी अपना रास्ता चुन लीजिए ।