सिनेमा के जरिए सामाजिक मूल्यों का चित्रण संभवः प्रो. हरीश कुमार

हरियाणा फिल्म महोत्सव 2025 के पोस्टर का लोकार्पण।

सिनेमा के जरिए सामाजिक मूल्यों का चित्रण संभवः प्रो. हरीश कुमार

रोहतक, गिरीश सैनी। फिल्मों के जरिए सार्थक सामाजिक संदेश देने, मानवीय संवेदनाओं को उजागर करने, प्रांतीय तथा राष्ट्रीय समृद्ध धरोहर तथा इतिहास की दास्तां बयां करने के संदेश के साथ एमडीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन हुआ। एमडीयू के छात्र कल्याण विभाग के तत्वावधान में सिने फाउंडेशन, हरियाणा तथा विश्व संवाद केन्द्र के सहयोग से, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। 


प्रतिष्ठित फिल्म निदेशक, अभिनेता हरिओम कौशिक, फिल्म लेखक व निदेशक विकास बेरवाल तथा दिल्ली विवि के कमला नेहरू कालेज के सहायक प्रोफेसर डा. रविन्द्र साहू ने बतौर विशेषज्ञ वक्ता एवं रिसोर्स पर्सन इस कार्यशाला में शिरकत की। इस दौरान हरियाणा फिल्म महोत्सव 2025 के पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया।

 

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत के जन-मानस में सिनेमा रचा बसा है। सिनेमा के जरिए जीवन के यथार्थ का बखूबी चित्रण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिनेमा न केवल मनोरंजन का बड़ा साधन है, बल्कि सामाजिक मूल्यों का भी चित्रण सिनेमा के जरिए संभव होता है।

 

कार्यक्रम का संचालन-समन्वयन करते हुए प्राध्यापक एवं निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने कहा कि बचपन से ही हम कथा-कहानियां सुनते हैं। फिल्में कथा-कहानी कहने का सशक्त दृश्य-श्रव्य माध्यम हैं। फिल्मों के जीवन में महत्व को उन्होंने रेखांकित किया।


विशेषज्ञ वक्ता डा. रविन्द्र साहू ने एमडीयू में आगामी 4-5 अप्रैल को आयोजित होने वाले हरियाणा फिल्म महोत्सव 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। फिल्म निदेशक हरिओम कौशिक ने फिल्म निर्माण की बारीकियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने फिल्म स्टोरी आइडिया बारे विस्तार पूर्वक बताया। फिल्म लेखक विकास बेरवाल ने फिल्म पटकथा लेखन तथा निर्देशन की बारीकियां साझा की। आभार प्रदर्शन प्राध्यापक सुनित मुखर्जी ने किया।


राजकीय पीजी नेहरू कॉलेज, झज्जर की प्राध्यापिका डा. कविता, लाल नाथ हिंदू कॉलेज, रोहतक के प्राध्यापक डा. सुमित, एमडीयू पीआरओ पंकज नैन की गरिमामयी उपस्थिति कार्यक्रम में रही। निदेशक युवा कल्याण डा. प्रताप राठी और उनकी टीम ने कार्यशाला समन्वयन सहयोग दिया। इस अवसर पर शोधार्थी आशू, कुलदीप व विनोद गिल ने आयोजन सहयोग दिया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इस कार्यशाला में 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया।