लॉकडाउन अनुपालन पर व्यावहारिक और यथार्थवादी छूटः शरद कुमार सराफ, फियो अध्यक्ष
कोविड19 चुनौतियों के बीच वित्त मंत्री द्वारा घोषित विभिन्न घोषणाओं पर टिप्पणी
लुधियाना: कोविड19 चुनौतियों के बीच वित्त मंत्री द्वारा घोषित विभिन्न घोषणाओं पर टिप्पणी करते हुए फियो के अध्यक्ष, शरद कुमार सराफ ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर मामलों, एमसीए, आईबीसी कोड आदि में अनुपालन और नियमों में दी गई छूट व्यावहारिक हैं जो करदाताओं की परिचालन समस्या को कम करेगा। 30 जून, 2020 तक आयकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा में विवाद निपटान योजना की समय सीमा विस्तार से मूल्यांकनकर्ताओं को इसका लाभ मिलेगा क्योंकि ३१ मार्च तक लॉकडाउन होने से इसका लाभ उठाना चुनौती पूर्ण साबित हो रहा था।
श्री सराफ ने कहा कि 30 जून, 2020 तक 24X7 के आधार पर सभी बंदरगाहों पर सीमा शुल्क निकासी की कार्रवाई का सबसे अधिक स्वागत है, फिर भी सभी संबद्ध एजेंसियों (वैधानिक एजेंसियों, शिपिंग लाइनों, सीएसए आदि) को सीमा शुल्क के साथ अपने समय को संरेखित करना चाहिए ताकि उद्योग को वास्तविक लाभ मिले।
फियो प्रमुख ने कहा कि 1 मार्च से 30 अप्रैल, 2020 के बीच तीन महीने तक समाप्त होने वाले सभी स्वच्छता आयात परमिट (एसआईपी) का विस्तार, 30 दिनों तक विलंबित आयात की पुष्टि, सत्यापन की समय अवधि में कमी और 7 दिन की जगह 3 दिनों में एनओसी देने से समुद्री उत्पाद क्षेत्र जो पहले से ही मांग में गिरावट के साथ कोरोना संकट के बीच काफी चुभन महसूस कर रहा है, को लाभ मिलेगा।
फियो अध्यक्ष ने कहा कि वाणिज्य विभाग की विभिन्न योजनाओं में समय सीमा और प्रक्रिया में जो विस्तार किया गया है उसके बारे में फिलहाल विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है, हालांकि अभी निर्यातकों व आयातकों की चुनौतियों को देखते हुए उन्हें निर्यात दायित्व को पूरा करने के लिए समय दिए जाने की आवश्यकता है।
श्री सराफ ने यह भी मांग की कि निर्यात को आवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा जाना चाहिए ताकि लॉकडाउन के दौरान भी कम श्रम बल के माध्यम से उनसे जुड़े काम की समय के भीतर डिलिवरी हो सके।