प्रो. मनजीत मानवी के काव्य संग्रह "आवाज़ परवाज़" का विमोचन हुआ

प्रो. मनजीत मानवी के काव्य संग्रह

रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति, हरियाणा और डेमोक्रेटिक फोरम, रोहतक द्वारा एमडीयू की सेवानिवृत्त प्रो. मनजीत मानवी के काव्य संग्रह "आवाज़ परवाज़" का विमोचन, काव्य पाठ और चर्चा का आयोजन किया गया। स्वामी नितानंद स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संतोष मुद्गिल ने की। अध्यक्ष मंडल में हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष प्रमोद गौरी, डेमोक्रेटिक फोरम के अध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र कुमार, जन स्वास्थ्य अभियान से डॉ. ओ. पी. लठवाल और प्रो. मनजीत मानवी शामिल रहे। कार्यक्रम संचालन हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति से मनीषा ने किया। 

प्रो मनजीत मानवी ने अपनी कविताएं हिसाब, एक मेहनतकश स्त्री, घर का पता, गतिरोध और उद्घोष को पढ़ीं।

प्रमोद गौरी ने बताया कि कविता अनुभूति और सृजनात्मकता का मेल है। कविता व्यक्तिगत अनुभवों से शुरू होकर समाज के साथ जुड़ जाती है। उन्होंने कहा कि मनजीत की कविताएं समाज की परंपराओं से मुठभेड़ करती हुई पाई जाती हैं। वे पितृसत्ता, बाज़ारवाद और राजसत्ता की क्रूरता से टकराती हैं। डॉ. रमणीक मोहन ने कहा कि मनजीत की कविताओं में महिला आंदोलन और व्यक्तिगत संघर्षों की झलक मिलती हैं। मंगतराम शास्त्री ने कहा कि मनजीत की कविता में सक्रियता दिखाई देती है। 

इसके अलाव परमिंदर पाल ने मनजीत राठी की दो कविताओं का काव्य पाठ किया। एमडीयू की शोधार्थी प्रीति ने भी अपने विचार रखे। 

डॉ. सुरेंद्र कुमार ने आभार व्यक्त किया। डॉ संतोष मुद्गिल ने कहा कि हमें हमेशा अपनी आवाज़ को उठा कर आज़ादी को हासिल करते रहना है। इस दौरान  सोहनदास, लाभ सिंह हुड्डा, सतबीर, मुकेश यादव, प्रो. जितेंद्र प्रसाद, प्रो. हरीश कुमार, राजेंद्र हुड्डा, प्रो. भगत सिंह राठी, प्रो. राजेश, एमडीयू के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी,  तथा शहर के साहित्य प्रेमी नागरिक मौजूद रहे।

गौरतलब है कि प्रो मंजीत मानवी राठी एमडीयू के अंग्रेजी विभाग से सेवानिवृत वरिष्ठ प्रोफ़ेसर हैं  ।