प्रो. वागेश्वरी ने प्रस्तुत किया यौन उत्पीड़न कानूनों का विकसित परिदृश्य
रोहतक, गिरीश सैनी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के विधि विभाग में शुक्रवार को आयोजित विस्तार व्याख्यान में यौन उत्पीड़न कानूनों की जटिलताओं पर प्रकाश डाला गया तथा इस कानूनी ढांचे के भीतर प्रस्तुत चुनौतियों और अवसरों पर विचार-मंथन किया गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय की प्रोफेसर डॉ. वागेश्वरी देसवाल ने बतौर मुख्य वक्ता व्याख्यान कार्यक्रम में शिरकत की। प्रो. वागेश्वरी देसवाल ने अपने संबोधन में यौन उत्पीड़न कानूनों के विकसित परिदृश्य को प्रस्तुत करते हुए कहा कि कैसे वे न्याय और समानता चाहने वालों के लिए चुनौतियां और अवसर प्रदान करते हैं।
विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन डॉ. राहुल यादव व डॉ. रेखा ने किया। डॉ. श्रुति ने आभार प्रदर्शन किया। विधि विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र सिंह ढुल ने कहा कि इस तरह के व्याख्यान कार्यक्रम विद्यार्थियों की कानून बारे समझ को गहरा बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। डीन, विधि संकाय प्रो. कविता ढुल ने भी व्याख्यान कार्यक्रम में संबोधन किया। इस अवसर पर डॉ. सत्यपाल, डॉ. जसवंत सैनी, डॉ. योगेन्द्र, डॉ. प्रतिमा देवी, डॉ. सुरेन्द्र, डॉ. नीरज, डॉ. ऋषभ, डॉ. परविंद्र, डॉ. अंजू, डॉ. अश्विनी, डॉ. जयदेव समेत शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।