प्राब्लम फाइंडर से सोल्यूशन फाइंडर बनने का परामर्श दिया प्रो. वंदना शर्मा ने
द की टू वैलनेसः ए हैप्पी एंड हेल्दी माइंड कार्यशाला आयोजित।
रोहतक, गिरीश सैनी। हैप्पीनेस तथा वेल बींग प्राप्ति के लिए सकारात्मक मनोवृत्ति, सकारात्मक भावनाएं तथा सामाजिक व्यवहार के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रतिष्ठित मनोवैज्ञानिक, मोटिवेशनल स्पीकर प्रो. वंदना शर्मा ने वीरवार को एमडीयू में हैप्पीनेस का रोड मैप साझा किया।
मनोविज्ञान विभाग तथा हैप्पीट्यूड लैब द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित- द की टू वैलनेसः ए हैप्पी एंड हेल्दी माइंड कार्यशाला में प्रो. वंदना शर्मा ने बतौर आमंत्रित वक्ता एवं रिसोर्स पर्सन कहा कि शरीर, मन तथा आत्मा का सही सामंजस्य खुशी का रास्ता प्रशस्त करता है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित जन से नकारात्मक भावनाओं तथा सोच का परित्याग करने तथा जीवन जीने का सही उद्देश्य ढूंढने का आह्वान किया। प्रो. वंदना शर्मा ने प्राब्लम फाइंडर से सोल्यूशन फाइंडर बनने, अतिचिंता बंद करने, अपने मंकी माइंड पर नियंत्रण करने तथा सामाजिक-सामुदायिक सरोकारों से खुद को जोड़ने का परामर्श दिया। जीवन में भरोसेमंद संबंधों को बनाने तथा सामूहिकता का विकास करने की बात भी उन्होंने कही। उन्होंने कार्यशाला प्रतिभागियों से एक्टीविटीज करवाई तथा मेडिटेशन भी करवाया।
प्रारंभ में मनोविज्ञान विभागाध्यक्षा प्रो. अंजलि मलिक ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला की थीम पर प्रकाश डाला। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर इंचार्ज, हैप्पीट्यूड लैब प्रो. दीप्ति हुड्डा ने किया। प्रो. दीप्ति ने कहा कि ये कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए लाभदायक रही। मंच संचालन शोधार्थी मिशेल ने किया। इस कार्यशाला में मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिकाएं- प्रो. शालिनी सिंह, डॉ. शशि रश्मि, डॉ. बिंदु अहलावत, निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी, मनोविज्ञान व पत्रकारिता विभाग के शोधार्थी-विद्यार्थी सहित अन्य विभागों के विद्यार्थी शामिल हुए।