पं. दीन दयाल उपाध्याय ने भारतीय राष्ट्रवाद को एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण से परिभाषित कियाः डॉ. महेश चन्द्र शर्मा

एमडीयू में विस्तार व्याख्यान आयोजित।

पं. दीन दयाल उपाध्याय ने भारतीय राष्ट्रवाद को एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण से परिभाषित कियाः डॉ. महेश चन्द्र शर्मा

रोहतक, गिरीश सैनी। पं. दीन दयाल उपाध्याय की नजर में राष्ट्र की अवधारणा गहरी और व्यापक थी। वे एकात्म मानववाद के पक्षधर थे, जिसमें समाज, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को एकजुट रूप से देखा गया। यह उद्गार प्रतिष्ठित शिक्षाविद् एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने एमडीयू में आयोजित विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।

एमडीयू के पं. दीन दयाल उपाध्याय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रुरल डेवलपमेंट, पं दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ तथा लोक प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आईएचटीएम सभागार में- पंडित दीन दयाल उपाध्याय की नजर में राष्ट्र की अवधारणा विषयक विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डा. महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के अनुसार, राष्ट्र केवल भूगोल या राजनीतिक इकाई नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक समुदाय है, जिसमें सभी नागरिकों का सामूहिक लक्ष्य और उत्थान होता है।

डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के अनुसार पश्चिमी विचारधाराएं और समाजशास्त्र राष्ट्र की समग्रता को पूरी तरह से नहीं समझ पाई हैं। उन्होंने भारतीय राष्ट्रवाद को एक सांस्कृतिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया, जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग का उत्थान, लोककल्याण, और समग्र विकास की प्रक्रिया शामिल हो। उन्होंने विद्यार्थियों से खुद को जानने अपनी संस्कृति को जानने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टेरिटरी बेस्ड नेशनलिज्म की जगह जियो कल्चरल नेशनलिज्म पर बल देने की बात कही।  

एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि पं. दीन दयाल उपाध्याय की राष्ट्र की अवधारणा एक समग्र दृष्टिकोण पर आधारित थी। उनका विचार था कि राष्ट्र केवल भौतिक या भौगोलिक एकता का नाम नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समुदाय है। उनका मानना था कि राष्ट्र का वास्तविक आधार उसकी संस्कृति, परंपराएँ और मूल्य होते हैं, जो उसे एकजुट करते हैं और उसकी पहचान को बनाते हैं।

परीक्षा नियंत्रक प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने कार्यक्रम में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शिरकत की। पं. दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ के अध्यक्ष प्रो. सेवा सिंह दहिया ने  प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और व्याख्यान की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। प्राध्यापक डॉ. समुन्द्र सिंह ने मंच संचालन किया। शोधार्थी पूजा रानी ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। हरियाणा अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. एस. एस. चाहर ने आभार जताया। इस दौरान प्रतिष्ठित शिक्षाविद् सीता राम व्यास, रविंद्र सक्सेना, आनंद मलिक, आईएचटीएम निदेशक प्रो. आशीष दहिया, एफडीसी निदेशक प्रो. संदीप मलिक, इंडियन कोस्ट गार्ड के पूर्व आईजी कुलदीप श्योराण, अजय श्योराण, डॉ. विवेक बाल्यान, डॉ. जगबीर नरवाल, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. प्रोमिला रांगी, डा. मनोज कुमार सहित एमडीयू के प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।