पंजाब के बजट ने उद्यमियों को किया निराश: एडवोकेट अरविंद धूमल
इस बार का बजट भी मात्र घोषणाओं की हवा से भरा जल्द फूटने वाले गुब्बारे के समान है
चण्ड़ीगढ: पंजाब सरकार का बजट बेहद निराशाजनक व उधमियों के प्रति सरकार का रवैया बेहद निरंकुशतापूर्ण रहा है। लघु उद्योग भारती पंजाब के अध्यक्ष एडवोकेट अरविंद धूमल, महा सचिव समीर खन्ना ने कहा कि वित्तमंत्री ने बजट में वैट रिफंड के लिए समुचित राशि जारी करना तो दूर, उन्होंने इसकी चर्चा करना भी उचित नही समझा।
लघु उद्योग भारती की राष्ट्रीय विद्युत कमेटी के संयोजक विजय तलवाड़, पंजाब प्रदेश विद्युत कमेटी के संयोजक विक्रान्त शर्मा व सह महासचिव विशाल दादा ने कहा कि सरप्लस बिजली वाले पंजाब प्रदेश में बिजली 5 रुपए देने का वायदा पूरा करना तो दूर अभी तक सरकार उद्यमियों के लिए बिजली बिना कट सप्लाई भी यकीनी नही बना पाई है। इस समय बिजली 9 रुपए प्रति यूनिट है, पर बिजली की सप्लाई दुरुस्त व निरंतर न होने के कारण भी पंजाब के उद्यमी दूसरे प्रदेशों में पलायन को मजबूर हो रहे है। सभी चुनावी वायदों को धता बताते हुए पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने चौथी बार खोखला बजट पेश कर प्रदेश के सभी वर्गों को निराश किया है। नो प्रोफिट, नो लॉस का बजट बनाने और दिल्ली केजरीवाल सरकार की तरह मिशन 2022 चुनाव को साधने के चक्र में पंजाब पर 35 हज़ार 960 करोड़ रुपए का बोझ और बढ़ा दिया है। पिछले वित्त वर्ष जो कर्जा 2 लाख 12 हज़ार 276 करोड़ रुपए था वह अब वर्तमान बजट की बदौलत बढ़ कर 2 लाख 48 हज़ार 236 करोड़ पर पहुँच गया है। यह बेहद शर्मनाक है, या यूं कहा जाए कि इस बार का बजट भी मात्र घोषणाओं की हवा से भरा जल्द फूटने वाले गुब्बारे के समान है।