केंद्रीय बजट में पंजाब की माँगों को किया गया नज़रंदाज़, पंजाब का उद्योग-व्यापार नाख़ुश
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने आज अपने ज़िला मुख्य दफ़्तर माता रानी चौक में एक बैठक कर केंद्र के द्वारा कल पेश किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के छह महीने के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया पेश की।
लुधियाना, 24 जुलाई, 2024: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने आज अपने ज़िला मुख्य दफ़्तर माता रानी चौक में एक बैठक कर केंद्र के द्वारा कल पेश किए गए वित्त वर्ष 2024-25 के छह महीने के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया पेश की।
इस बैठक में राज्य महासचिव और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (केंद्र सरकार) के सदस्य सुनील मेहरा, महासचिव और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव आयुष अग्रवाल , उपाध्यक्ष पवन लहर, प्रधान परवीन गोयल, राज्य सचिव अरविन्दर मक्कड़, अरविंद जैन, अश्वनी महाजन, परवीन शर्मा शामिल थे।
बैठक को संबोधित करते हुए सुनील मेहरा और आयुष अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष सरकार का बजट महिला सशक्ति, किसान , नौजवान और उनके लिए नौकरियां , संशोधक व विनिर्माण पर ज्यादा केंद्रित रहा जो सराहनीय है।
इसके साथ इन नेताओं ने कहा कि पंजाब जो के सीमावर्ती राज्य है, की कई मांगों को नजरअंदाज किया गया।
सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज और फण्ड दे के बाक़ी राज्यों को नजरअंदाज किया।
पंजाब जो पहले से ही उद्योग- व्यापार कम होने की मार झेल रहा है, उस पर से पंजाब में कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ गई है जो सीधा सीधा उद्योग-व्यापार पर असर डाल रहा है। इस समय पंजाब के उद्योगपतियों-व्यापारियों ने केंद्र सरकार से उम्मीद लगाई थी कि बजट में कुछ पंजाब को इकोनॉमिक पैकेज दिया जाएगा जो सीधा उद्योग-व्यापार को मिलेगा ना कि राज्य सरकार को, तो पंजाब के उद्योग-व्यापार को बचाया जा सकेगा।
चुनाव के समय में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू , केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लुधियाना , जो की पंजाब का औद्योगिक केंद्र है और भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है, यह आ के जो व्यापारियों से वादे किए थे उन वादों को इस बजट में पूरा होता नहीं देख गया । आयकर अधिनियम 43B(ऐच) जो के देश भर के व्यापारियों की मांग थी उस पर कोई प्रतिक्रिया सरकार की और से इस बजट में नहीं दी गई। केवल अगले छे महीने के लिए आयकर अधिनियमों को दोबारा से परिभाषित करने की बात की गई।
पंजाब में उद्योग-व्यापार को बढ़ाने के लिए ताकि यहाँ नौकरियाँ बढ़ाई जा सके , इसका कोई प्रावधान नहीं है। पिछले छे वर्षों में छे लाख से भी अधिक नौजवान पंजाब छोड़ कर दूसरे राज्य और देशों की ओर प्रस्थान कर गये है। कुशल श्रम और सुविधाओं के अभाव में पंजाब से भी कई औद्योगिक इकाइयाँ पलायन कर चुकी है।
इस बजट से पंजाब के व्यापार को बड़ी उम्मीद थी लेकिन सब चकना चूर हो गई।
इन नेताओं का कहना है कि पंजाब की बिगड़ती औद्योगिक-व्यापारी हालत का जिम्मेदार जितना राज्य सरकार है कही ना कही केंद्र सरकार का भी है।
इन नेताओं का कहना है कि 23 जून 2024 को लुधियाना में केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की अध्यक्षता में की गई एक बैठक की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने जो व्यापारियों से वादे किए थे उनको पूरा करना चाहिए। केवल चुनावों के दौरान वादे कर के पीछे नहीं हटना चाहिए।
इन नेताओं ने कहा कि 9 अगस्त 2024 को दिल्ली में सारे देश के व्यापारी इकट्ठे होने वाले है जहां पंजाब के व्यापारियों की मांगों को ज़ोर शोर से रखा जाएगा और सरकार का ध्यान पंजाब की और खींचा जाएगा।