समाचार विश्लेषण/राहुल बाबा, सच में कांग्रेस जोड़ो
-*कमलेश भारतीय
राहुल गांधी कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा पर हैं । बहुत जनसमर्थन मिलता भी दिख रहा है लेकिन कांग्रेस इसके बावजूद टूटती जा रही है , बिखरती जा रही है । अब जिस तरह का घटनाक्रम राजस्थान में शुरू हुआ है , उससे लगता है कि सचमुच भारत जोड़ो से पहले इस बिखरती कांग्रेस को जोड़ना बहुत जरूरी है । हालांकि भारत जोड़ो यात्रा से पहले ही गुलाम नबी आज़ाद इस पार्टी से आज़ाद हो गये । बेशक यह भी कोई कम झटका नहीं था । फिर गोवा के आठ कांग्रेस विधायक भाजपा में जा मिले । यह भी एक अजब खेल कि जोडने निकले और टूट फूट बढ़ती गयी ! दवा जितनी की , दर्द उतना ही बढ़ता जा रहा है !
कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम आगे बढ़ते ही कांग्रेस हाईकमान को लगा कि अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन यह दांव भी उल्टा पड़ गया जब गहलोत गुट के नब्बे विधायकों ने एकमुश्त इस्तीफे सौंप दिये सिर्फ यह बताने के लिए कि हमें सचिन मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद नहीं । जिस सचिन पायलट ने राजस्थान सरकार तोड़ने की कोशिश की , उसी को मुख्यमंत्री पद क्यों ? यानी बात साफ , संदेश साफ कि सचिन का मुख्यमंत्री बनाया जाना स्वीकार नहीं । इस बगावत से कांग्रेस हाईकमान भी हक्का बक्का है ! किधर जाये ? राजस्थान में गुटबाजी पीछा नहीं छोड़ रही और सचिन मुख्यमंत्री बन नहीं पा रहे । अब राजस्थान में क्या होगा ?
इसी तरह हरियाणा को ही लीजिए । यहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सैलजा के बीच लगातार छत्तीस का आंकड़ा बना हुआ है । एक दूसरे के खिलाफ हाईकमान तक शिकायतें की जा रही हैं । अभी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुलाम नबी आजाद से औपचारिक भेट के मामले को सैलजा ने मुद्दा बनाने में देर नहीं लगाई और जा शिकायत लगाई हाईकमान से ! यह छुप्पा छुप्पी का नहीं खुल्लमखुल्ला खेल हो गया है ! इस खेल पर पाबंदी कौन लगायेगा ?
इसलिए पहले तो गुलाम नबी आजाद ने ही कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से पहले राहुल बाबा को कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए और अब हर भाजपा नेता भी रोज़ यही सलाह दे रहा है कि राहुल बाबा देश को बाद में जोड़ लेना , पहले सन् 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पहले अपनी काग्रेस को ही जोड़ लीजिए तो बड़ी बात होगी ! भाजपा ने तो कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगा ही रखा है लेकिन दुख यह है कि इसे कांग्रेसजन ही पूरा करने मे सबसे आगे हैं ! अब देखिए भारत जोड़ो यात्रा तक कांग्रेस कितनी और टूटती है ! रब्ब खैर करे !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।