समाचार विश्लेषण /राज्यसभा चुनाव और अंतरात्मा की आवाज 

समाचार विश्लेषण /राज्यसभा चुनाव और अंतरात्मा की आवाज 
कमलेश भारतीय।

-कमलेश भारतीय 
एक समय अंतरात्मा की आवाज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगाई थी जब राष्ट्रपति चुनाव था और सिंडीकेट कांग्रेस गुट ने नीलम संजीवा रेड्डी को राष्ट्रपति पद पर खड़ा कर दिया था लेकिन इंदिरा जी की पसंद नहीं थे । तब पहली बार अंतरात्मा की आवाज पर वोट डालने का आह्वान किया था और नीलम संजीवा रेड्डी हार गये थे । यह बाद की बात है कि मोरारजी देसाई उन्हें अगले राष्ट्रपति बनवा कर ही माने । 

एक बार फिर हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में यह अंतरात्मा की आवाज उठी है , सुनाई दे रही है और गूंज रही है लेकिन आवाज उठाने में जो असर चाहिए , वह महसूस नहीं हो रहा क्योकि हर कोई इंदिरा गांधी जैसा जादू नहीं रखता । हर किसी की आवाज उतनी बुलंद नहीं । इसके बावजूद अंतरात्मा की आवाज पर चर्चा छिड़ गयी है । चाहे कुलदीप बिश्नोई हों या फिर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा । कुलदीप बिश्नोई को ओर से अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने की बात पर श्री हुड्डा का कहना है कि जिसकी आत्मा पार्टी में नहीं तो फिर वह पार्टी छोड़कर जा सकता है । बिना अंतरात्मा के पार्टी में रहने क्या काम ? जवाब आता है कि आपके कपड़ों पर स्याही के दाग हैं यानी सुभाष चंद्रा के पिछले चुनाव के स्याही कांड की याद दिलाना । आप जी 23 समूह में रहकर कांग्रेस को कमजोर कर रहे हो । 

अरे , तो पार्टी हाईकमान ने फ्री हैंड किस भरोसे पर दिया है ? कुछ भी और कितने भी नाराज हो गये , हुड्डा ने पार्टी तो नहीं छोड़ी । हर कदम पर प्रियंका गांधी के साथ दीपेंद्र दिखते हैं या नहीं ? आप उन दिनों कहां होते हो ? रोहतक में एक रैली से पहले कितनी चर्चा थी कि हुड्डा रैली में नयी पार्टी बनाने का ऐलान करेंगे लेकिन नहीं बनाई पार्टी कोई अलग से । कांग्रेस में रहकर ही अपनी बात रखी और आखिर भरोसा जीत कर फ्री हैंड लिया । कुलदीप आप चाहते तो आप भी ऐसा कर सकते थे लेकिन हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाई । जो और जितना बोल सकते थे सोनिया गांधी के खिलाफ अपनी रैलियों में कहा , खूब खरी खोटी सुनाई । क्यों ? अब वापस कांग्रेस में हो । फिर ? अंतरात्मा तो पार्टी को दे दो । अपनी अंतरात्मा से तो स्वीकार करो । यह तो नहीं  चल सकता कि एक तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मिलो और दूसरी तरफ नितिन गडकरी को भी याद करो । दो नावों में पैर क्यों रखे हुए हो ? 

हालांकि प्रत्याशी अजय माकन कह रहे हैं कि हुड्डा का बयान कुलदीप की नाराजगी बढ़ाने वाला है और वे कोशिश में हैं कि राहुल गांधी से राज्यसभा चुनाव से पहले पहले कुलदीप बिश्नोई की मुलाकात करवा दें । हुड्डा कह रहे हैं कि कुलदीप समेत 31 विधायक पूरे हैं और अजय माकन जीतेंगे । वैसे वे अभय चौटाला की आत्मा को जगाने की कोशिश भी कर रहे हैं कि अपना स्टैंड क्लियर करो । किसके साथ हो ? यदि भाजपा जजपा का विरोध करना है तो आओ साथ दो । यही मौका है और मौके पर चौका लगाओ । बलराज कुंडू से भी उम्मीद है । कार्तिकेय कह रहे हैं कि रायपुर विधायकों को ले जाना गलत है तो हुड्डा कहते हैं कि रायपुर जाकर समर्थन मांग लो , कौन मना कर रहा है ? रायपुर में विधायक प्रशिक्षण पर हैं लेकिन नीरज शर्मा को मौका मिला और रामायण पाठ भी शुरू । सैर सपाटे में भी और चिंतन शिविर में भी । अब तो चिरंजीव भी पहुंच गये यानी कैप्टन अजय यादव का साथ भी मिल गया । 

खैर , बड़ा दिलचस्प होता जा रहा है यह राज्यसभा का खेल और कल अमित शाह पंचकूला में खेलो इंडिया का उद्घाटन कर पंजाब के आधा दर्जन कांग्रेसियों को भाजपा में ले आए यानी दलबदल खेल जारी है और जारी रहेगा । यह सिफ संदेश है । इसके बावजूद कांग्रेस में स्वच्छता अभियान जारी है । सुनील से शुरू हुआ , खत्म किस्से होगा ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।